नफरत के नशे वाले मोदी जी को सराब और शराब में भी फर्क नहीं पता-अखिलेश यादव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ से अपने मिशन 2019 का शंखनाद किया. प्रधानमंत्री के पहले चुनावी भाषण में उनके निशाने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख तौर पर रहे.

पीएम ने यहां सपा-रालोद-बसपा के गठबंधन को ‘सराब’ कहकर पुकारा और कहा कि इनसे बचने की जरूरत है क्योंकि ये हानिकारक हैं. समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल, बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन को 'सराब' कहा. उन्होंने कहा कि सपा का स, रालोद का रा और बसपा का ब से बचें, क्यों ये सेहत के लिए हानिकारक है. हालांकि, शराब में ‘श’ आता है लेकिन पीएम ने समाजवादी पार्टी के स को जोड़ते हुए अपने संबोधन में सराब का इस्तेमाल किया.

इसी पर चुटकी लेते हुए अखिलेश यादव का एक ट्वीट सामने आया है जिसमे उन्होंने प्रधानमंत्री के 'सराब' वाले कमेंट पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि आज टेली-प्रॉम्प्टर ने यह पोल खोल दी कि सराब और शराब का अंतर वह लोग नहीं जानते जो नफ़रत के नशे को बढ़ावा देते हैं सराब को मृगतृष्णा भी कहते हैं और यह वह धुंधला सा सपना है जो भाजपा 5 साल से दिखा रही है लेकिन जो कभी हासिल नहीं होता। अब जब नया चुनाव आ गया तो वह नया सराब दिखा रहे हैं

आपको पता दे कि शराब और सराब के इस अंतर को लेकर सोशल मीडिया पर मोदी जी की बहुत फजीहत हो रही है और विपक्षी नेता मोदी जी के इस बयान पर तंज़ कसने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं  

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