केजरीवाल ने अपनी पहली माफ़ी से जीती दिल्ली, क्या इस माफ़ी से जीतेंगे देश ?

आपको बता दे कि हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का माफ़ी माँगने का दौर लगातार जारी है मजीठिया के बाद उन्होंने कपिल सिब्बल ओर नितिन गडकरी से भी माफ़ी माँग ली है
दिल्ली की जनता के लिए और समय देने और कुछ कल्याणकारी कार्यों को करने के लिए वो लगातार लोगों से माफ़ी माँग रहे है ताकि अपने ऊपर चल रहे केसों को ख़त्म किया जा सके और दिल्ली की जनता के लिए और समय निकाल सकें !

क्योकि इन केसों की वजह से वो अपना पूरा ध्यान जनता की सेवा में नहीं लगा पा रहे थे ,अब उन्होंने अपनी रणनीति में फेरबदल किया है जिसके तहत वो अब भ्रस्ट लोगों से लड़ने की बजाय पहले भ्रस्ट सिस्टम से लड़ेंगे !क्योकि आज के सिस्टम में ईमानदारी को साँस लेना तक दूभर हो रहा है !

कुछ बुद्धिजीवी लोग केजरीवाल की इन माफियों को मास्टर स्ट्रोक मान रहे है उनका कहना है कि आज वो क़ानूनी पचड़ों से निकल, कल भरस्टाचार पर बड़ा प्रहार करेंगे !
ओर माफ़ी मांगने से कोई छोटा नहीं होता।

आप जानते है आज केजरीवाल को माफ़ी मांगने पर भी इतना बदनाम क्यों किया जा रहा है आपको बता दे कि हमारे देश में राजनीती में माफ़ी माँगने का रिवाज नहीं है ,भारत के कई सांसद और मंत्री कई जघन्य  अपराधों में सम्मलित पाए गए हैं और बहुत पर आज भी हत्या और बलत्कारों का आरोप है लेकिन आज तक किसी ने माफ़ी नहीं मांगी ! आज तक देश में इतने बड़े-बड़े घोटाले हुए लेकिन उसके लिए आज तक किसी किसी ने माफ़ी नहीं मांगी ! इसलिए केजरीवाल की माफ़ी इन नेताओ को चुभती है !

हम ये क्यों कह रहे है "केजरीवाल ने अपनी पहली माफ़ी से जीती दिल्ली, क्या इस माफ़ी से जीतेंगे देश ?"

अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से मांगी थी माफी ।
आपको बता दे कि जब 49 दिन के दिल्ली में शासन के बाद दिल्ली में लोकपाल ले मुद्दे पर अरविन्द केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था तो  भी विपक्षियों ने केजरीवाल की खूब आलोचना कि यंहा तक की उन्हें भगोड़ा तक कहा लेकिन तब केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से माफ़ी माँगते हुए एक नई पहल की।

यह वो माफी थी जो आम तौर पर नेता अपनी प्रतिष्ठा के ख़िलाफ़ मांनते हैं और संकोच दिखाते हैं। मगर, अरविन्द केजरीवाल ने नयी पहल की। उनकी सादगी, हाल-फिलहाल में उनके नेतृत्व में हुआ ईमानदार आंदोलन और उनसे बनी उम्मीद ने केजरीवाल की माफी को मफलरमैन की ईमानदार पहल के तौर पर स्वीकार किया। उसके बाद रिजल्ट आपके सामने आ गया ,दिल्ली की जनता ने अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को 70 में से 67 सीट देकर अपना आशीर्वाद दिया ,वो केजरीवाल की पहली माफ़ी थी जिसने केजरीवाल को दिल्ली की सेवा करने का सौभाग्य दिया।

अब 2018 में अरविन्द केजरीवाल ने एक बार फिर माफी मांगी है। माफी  मांगना भी सबके वश की बात नहीं है। अपमान का घूंट पीना पड़ता है , माफ कर रहे लोगों से जली-कटी बातें सुनना और लोगो की आलोचना सहना पड़ता है। मगर, केजरीवाल ने यही रास्ता चुना। और साफ़ संदेश दे दिया कि उनके पास अदालत के चक्कर लगाने के लिए बिलकुल भी  समय नहीं हैं। जनता ने उन्हें जिस काम के लिए चुना है, उसके लिए वक्त देना जरूरी है।

इसलिए आज की माफ़ी से विरोधी घबराये हुए है उनके दिल में खौफ है कि जैसे एक माफ़ी से दिल्ली जीत ली कँही इन सब माफियों से वो देश न जीत ले ! इसलिए मीडिया और विपक्षी पार्टी केजरीवाल की जमकर आलोचना कर रहे है।

जबकि केजरीवाल का साफ़ मानना है कि वो यँहा लड़ने नहीं आये है बल्कि काम करने आये है ,पिछले कई महीनो से वो इन केसों के पचड़े में फंसे हुए थे जो उनके कामो को प्रभावित कर रहा था इसलिए उन्होंने इन सब से बचने के लिए और जनता को और समय देने के लिए उन्होंने माफ़ी का सिलसिला शुरू किया ,नहीं तो आपने देखा होगा, कोनसा नेता आज माफ़ी मांगता है कोई नहीं !

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