आखिर क्यों मैट्रो मैन श्रीधरन केजरीवाल की फ्री मैट्रो योजना का विरोध करने पर तुले है ?

मेट्रोमैन श्रीधरन के खोखले तर्क

खोखला तर्क नंबर 1 - महिलाओं की मुफ्त यात्रा से दिल्ली मेट्रो को आर्थिक रूप से नुकसान होगा!
जब महिलाओं की मुफ्त यात्रा का पूरा खर्चा दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा वहन किया जायेगा तो दिल्ली मेट्रो को इससे आर्थिक रूप से नुकसान कैसे होगा ? ये हमारी सोच से परे है आखिर किस आधार पर श्रीधरन ये बातें कर रहे है ?
ये ताज्जुब की बात है कि श्रीधरन इतने बड़े टेक्नोक्रेट होने के बावजूद थोड़ा सा गणित नहीं कर पा रहे! या फिर वो जानबूझ कर जनता को बरगलाने की कोशिस कर रहे है? ताकि भाजपा को दिल्ली चुनावों में नुकसान न झेलना पड़े !
जब महिला सवारियों के खर्चे की भरपाई दिल्ली सरकार कर रही है तो फिर मेट्रो को असल में लाभ होना चाहिए इससे नुकसान कैसे होगा यह कॉमन सेंस की बात है ! वास्तव में यह खेल भाजपा को चुनावों में होने वाले नुकसान की फिक्र जाहिर करता है न कि दिल्ली मेट्रो में होने वाले आर्थिक नुकसान की !! 
खोखला तर्क नंबर 2 : किसी अन्य देश में महिलाओं के लिए फ्री परिवहन की सुविधा नहीं है इसलिए दिल्ली मेट्रो में भी नहीं हो सकता यह सवाल आपको कितना तर्कसंगत लगता है !
अगर कोई योजना किसी देश में नहीं है तो क्या दिल्ली में लागु नहीं हो सकती यह धारणा बिलकुल मूर्खतापूर्ण है क्या कोई योजना हमारे देश में तभी लागु होगी जब दूसरे देश उस योजना को लागु कर लेंगे ? 
इनके हिसाब से आर्यभट को 0 का सिद्धांत तभी देना था जब कोई और देश उसके बारे में बताता !
मेट्रोमैन साहब बता सकते है मोहल्ला क्लिनिक दुनियां के किस किस देश में कार्यरत है? जो की एक सफल प्रयोग है !कुछ नया करने के लिए जज्बा और मेहनत लगती है जिसे दुनिया करे उसे तो फॉलो कोई भी कर सकता है ! 
खोखला तर्क नंबर 3
श्रीधरन जी का तर्क है कि दिल्ली सरकार महिलाओं को आर्थिक लाभ सीधे उनके खाते में डाल कर देना चाहिए पर उन्होंने ये नहीं बताया कि यह किस आधार पर तय किया जाएगा कि कौन सी महिला कब और कितनी बार मेट्रो में सफ़र करेंगी?
अगर ऐसे तर्कहीन सिद्धान्त पर महिलाओं को नगद दे भी दिया जाय तो ये कैसे सुनिश्चित किया जा सकता है कि उन पैसों का इस्तेमाल महिलाऐं मेट्रो सफर के लिए ही कर रही है??
खोखला तर्क नंबर 4 - मेट्रोमैन का ऐसा मानना की फ्री मेट्रो का लाभ वृद्ध और दिव्यांग को भी मिलाना चाहिए 
ये थोडा उचित जान पड़ता है पर उनका समाधान केजरीवाल बता चुके हैं, शुरूआती दौर में अभी महिलाओं के लिए लागू किया जायेगा बाद में धीरे धीरे सब को इस योजना से जोड़ दिया जायेगा ! इसलिए यह तर्क भी बिना समझे बोला हुआ खोखला साबित हुआ !
खोखला तर्क नंबर 5 - श्रीधरन जी का कहना है यदि आप की सरकार चली गई तो अन्य सरकार इस योजना को चालू नहीं रख पायेगी !
श्रीधरन जी का कहना है कि महिलाओं को मुफ्त यात्रा से मेट्रो को होने वाले नुकसान की भरपाई आप की सरकार तो कर देगी लेकिन आने वाली सरकारें शायद ना कर पाए और तब मेट्रो इस फैसले को बदल-पलट नहीं पाएगी और महिलाओं से यात्रा का किराया नहीं ले पाएगी
पहला सवाल -क्या दूसरी सरकारों पर श्रीधरन को तनिक भी विश्वास नहीं जो वो इस योजना को चालू रख पाए 
दूसरा - दूसरी सरकारों की नाकामी की वजह से या दूसरी निक्कमी सरकारों की वजह से केजरीवाल सरकार महिलाओ के लिए कल्याणकारी योजना लागु क्यों न करे !
तीसरा -दिल्ली सरकार का बजट पिछले 4 वर्षों में 30 हजार करोड़ से बढ़कर तकरीबन 60 हजार करोड़ हो गया है ! इसलिए पैसों की किल्लत से आने वाली कोई सरकार इस योजना को बंद करें यह संभव नहीं है!
वास्तव में अगर आने वाली सरकारों को सोचकर योजनाएं बनाई जाती तो कोई भी सरकार कोई भी योजना नहीं बना पाती ये अति मूर्खतापूर्ण कुतर्क है 
खोखला तर्क नंबर 6 - दिल्ली में मुफ्त महिला ट्रांसपोर्ट की योजना देखकर अन्य राज्यों में लोग सड़कों पर आ जाएंगे और देश में अफरा तफरी मच जाएगी
जनाब आज तक टैक्स के पैसों से सिर्फ नेताओं ने मजा लूटा है ! अब जब अरविंद केजरीवाल की सरकार उन टैक्स के पैसों का उपयोग जनता के लिए कर रहे हैं तो आपको ऐसे कुतर्क मन में आते हैं! असल में देश के लोग तो यह चाहते हैं कि सरकार उनके कल्याण के लिए काम करें!
दिल्ली में ऐसी काफी कल्याणकारी योजनाएं चल रही है लेकिन अफसोस है कि आज तक दूसरे राज्यों में ऐसी बातों को लेकर कहीं पर अफरातफरी या हड़ताल का माहौल नहीं हुआ! 
दिल्ली के स्कूलों और अस्पतालों में हुए विकास का दबाब किस किस सरकार पर पड़ा है?
दिल्ली में सस्ती बिजली और फ्री पानी का दबाब किस किस सरकार पर पड़ा है?
क्या श्रीधरन जी बता सकते हैं 40 से ज्यादा सरकारी डाक्यूमेंट्स की होम डिलीवरी का दबाब किस किस सरकार पर पड़ा ?
क्या मेट्रोमैन बता सकते हैं नितीश सरकार द्वारा साइकल वितरण योजना का दबाब किस किस सरकार पर पड़ा है?
क्या श्रीधरन जी बता सकते हैं अखिलेश सरकार द्वारा वितरित लैपटॉप योजना के लिए किस किस सरकार पर जनता दबाब बना चुकी है? अरे कुछ तो अपने नाम का ख्याल रखे ऐसी बातें तो कोई पोलिटिकल बायस्ड व्यक्ति ही कर सकता है 
अब हम आपको बताते हैं मेट्रोमैन श्रीधरन जी को अचानक से इतने सारे कुतर्क सूजने का असली कारण
वास्तव में यह खेल भाजपा को चुनावों में होने वाले नुकसान की फिक्र जाहिर करता है न कि दिल्ली मेट्रो में होने वाले आर्थिक नुकसान की !! चुनाव सामने देखकर और भाजपा के खिसकते वोट देखकर मेट्रो मैन जी बौखला गए है 
क्यों मैट्रो मैन श्रीधरन आज भाजपा की भाषा बोल रहे है ?
श्रीधरन जी ने जो चिट्ठी लिखी है उसको पढ़ने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि श्रीधरन जी बीजेपी की भाषा बोल रहे हैं. अर्थात भाजपा जो उनसे कहलवाना चाहती है वही बातें श्रीधरन जी बोल रहे हैं. भाजपा श्रीधरन जी के कंधे पर बंदूक रखकर चला रही है.
महिलाओं के लिए मेट्रो में मुफ्त यात्रा योजना पर श्रीधरन जी द्वारा उठाई गई आपत्ति पर प्रश्न पूछते हुए अतिथि ने कहा कि अगर महिलाओं को मुफ्त यात्रा योजना से दिल्ली मेट्रो पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ेगा तो जब केंद्र सरकार ने मेट्रो में सीनियर सिटीजन और विद्यार्थियों के लिए मेट्रो के किराए में छूट का प्रस्ताव रखा था तब श्रीधरन जी ने कोई आपत्ति क्यों नहीं जताई थी? 
भाजपा के लिए विरोध करना मुश्किल इसलिए किया जा रहा है श्रीधरण का इस्तेमाल? 
क्या महिलाओ के लिए फ्री मेट्रो का विरोध कर पाना भाजपा के लिए मुश्किल था जोकि अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना जैसा होता इसलिए भाजपा मैट्रो मैन श्रीधरन का इस्तेमाल महिलाओं के लिए मुफ्त मेट्रो का विरोध करने के लिए कर रही है ? क्योकि महिलाओं के लिए यह योजना बहुत ही लाभकारी है
इससे महिलाये सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनेंगी और ऐसी योजना का भाजपा द्वारा प्रत्यक्ष तौर पर विरोध करना चुनावों में भाजपा के लिए घातक सिद्ध हो सकता है इसलिए गोली मैट्रो मैन श्रीधरन के कंघे पर रखकर दागी जा रही है ?
अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार तक का विरोध न कर पाने वाले श्रीधन आज केजरीवाल की मुफ्त मैट्रो योजना पर सवाल उठा रहे है आखिर क्यों ? 
जब एयरपोर्ट मेट्रो लाइन में वित्तीय अनियमितता पाई गई थी, उस समय पर श्रीधरन जी दिल्ली मेट्रो के चेयरमैन थे. इस बाबत दिल्ली सरकार ने एक डिटेल रिपोर्ट बनाकर भी सौंपी थी। जिसके आधार पर सीबीआई इंक्वायरी की मांग की गई थी। परंतु उस सीबीआई इंक्वायरी को नहीं होने दिया गया।
उस समय श्रीधरन जी ने कोई आपत्ति क्यों नहीं जताई? क्या श्रीधरन जी भाजपा द्वारा उस समय मेट्रो में हुए भ्रष्टाचार को छुपाने का एहसान चुका रहे हैं? क्या यही वह कारण है जिसकी वजह से भाजपा श्रीधरन जी के कंधे से बंदूक चला पा रही है?

Comments

Post a Comment

Search Here

Popular Posts

Anganwadi Recruitment 2017 Online Application Form| aanganwadi.org

प्रभु ने रेलवे को जोड़ा सीधा स्वर्ग से, स्वर्ग के लिए भी चलने लग गयी ट्रेन!, अब मुम्बई में दुरन्तो दुर्घटना ग्रस्त

भारत में भुखमरी! नेपाल-बांग्लादेश से भी बुरी है भारत के गरीबों की स्थति

3 साल में कानून व्यवस्था सँभालने में नाकाम रही बीजेपी की खट्टर सरकार -तीन साल में तीन बार जला हरियाणा

क्या यही है दिल्ली में हुए एमसीडी चुनाव का सच ?आरटीआई से हुआ ईवीएम घोटाले का पर्दाफाश !