10 बातें जो बताती है कि MV एक्ट के तहत सरकार का मकसद जान बचाना नहीं सिर्फ पैसे कमाना है!

जानिए कैसे ये 10 पॉइंट बताते है कि सरकार का असल मकसद जान बचाना नहीं बल्कि पैसे कमाना है !
1.अगर सच में लोगों की जान बचाना सरकार की प्राथमिकता होती तो चालान से कमाए पैसों से सबसे पहले रोड एक्सीडेंट में घायल लोगों के लिए किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में उसका फ्री इलाज निर्धारित करती ताकि सही मायनों में उसकी जान बचाई जा सके क्योंकि एक्सीडेंट कभी कागजात देख कर नही होते, किसी के पास सारे कागजात होने पर एक्सीडेंट न हो इसकी कोई गारंटी नही होती। 2.हेलमेट के चालान की वजह वो हेलमेट देती।
3. रोड एक्सीडेंट में घायल लोगों को समय पर मेडिकल सुविधा मिले इसके लिए जरूरी कदम उठाती जैसे दिल्ली में घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाने वाले को 2000 रुपये की राशि दी जाती है या कुछ अलग से एम्बुलेंस की व्यवस्था करती जो एक्सीडेंट में घायल लोंगो को तय समय के अंदर मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराती।
4.रोड में बने तलाबनुमे गड्डों को जल्द से जल्द भरने का आदेश पारित करती।
5.रोड पर रात के समय उजाले की व्यवस्था करने का आदेश पारित करती 
6 कम से कम खुले गटर और मैनहोल के लिए 2 शब्द बोले जाते।
7 अंडरपास और रोड क्रोसिंग के लिए कुछ काम करेंगे या उसका कोई रोड मैप बताते।
8 आवारा पशु जिनके कारण हज़ारों लोग अपनी रोड एक्सीडेंट में जान गंवा देते है उसके लिए कुछ इंतेज़ाम पर बात करते।
9 एक्सीडेंट में मारे गए लोगों के परिजनों की आर्थिक सहायता को लेकर थोड़ा बहुत चिंतित होते।
10 कोई जागरूकता अभियान चलाते या फिर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री , एमपी ,एमएलए,मंत्री और सेलेब्रिटीज़ द्वारा कोई मुहिम कराते जिससे लोंगो में जागरूकता बने।
ऐसा कुछ सरकार ने नही किया .क्योंकि सरकार का असल मकसद जनता से सिर्फ पैसे ऐंठना है और देश हित की बातें कर जनता को ठगना है।असल मे सरकार खुद कुछ नही करना चाहती सब चीज़ जनता पर थोपना चाहती है। और अपने खजाना भरना चाहती है इसे प्रायोजित लूट कहते है !

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