क्या अमित शाह ने रोजाना प्रधानमंत्री बदलने की बात कहकर देश के लोकतंत्र और संविधान का मज़ाक उड़ाने का काम किया है?
लोकसभा चुनाव का समय नजदीक आते ही राजनीतिक दलों के सियासी हमले भी तेज हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कानपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश में अगर महागठबंधन की सरकार बनती है तो देश में रोजाना प्रधानमंत्री बदलेंगे और रविवार को देश छुट्टी पर चला जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि देश में यदि महागठबंधन की सरकार बनती है तो 'सोमवार को बहनजी, मंगलवार को अखिलेश जी, बुधवार को ममता दीदी, गुरुवार को शरद पवार जी, शुक्रवार को देवेगौड़ा जी और शनिवार को स्टालिन पीएम बन जाएंगे और रविवार को देश छुट्टी पर चला जाएगा।'
अमित शाह ने कहा कि देश में यदि महागठबंधन की सरकार बनती है तो 'सोमवार को बहनजी, मंगलवार को अखिलेश जी, बुधवार को ममता दीदी, गुरुवार को शरद पवार जी, शुक्रवार को देवेगौड़ा जी और शनिवार को स्टालिन पीएम बन जाएंगे और रविवार को देश छुट्टी पर चला जाएगा।'
क्या ऐसा संभव है? हमे ज्ञात होगा कि अटल जी की सरकार 22 छोटी-बड़ी पार्टियों के साथ मिलकर बनी थी क्या उसमे रोजाना प्रधानंमंत्री बदला किया करते थे ? नहीं ना क्या ऐसा सच में संभव है कि अगर महागठबंधन की सरकार आती है तो रोजाना प्रधानमंत्री बदलेगा अगर नहीं तो अमित शाह ने ऐसा बयान क्यों दिया ? क्या ऐसा कहकर अमित शाह ने भारत के लोकतंत्र और संविधान का मज़ाक नहीं बनाया ?अगर देश में गठबंधन की सरकार बनती है तो— BJP (@BJP4India) January 30, 2019
सोमवार को बहन जी
मंगलवार को अखिलेश जी
बुधवार को ममता दीदी
गुरुवार को शरद पवार जी
शुक्रवार को देवेगौड़ा जी
शनिवार को स्टालिन पीएम बन जाएंगे
और रविवार को देश छुट्टी पर चला जायेगा: श्री अमित शाह #बूथ_जीता_UP_जीता
क्या हमारा सविधान ये इजाजत देता है कि देश में हर दिन प्रधानमंत्री बदले , अभी तक कि संसार की सभी सरकारों के कार्यकालों को देखा जाये तो ऐसा कभी और किसी भी देश में नहीं हुआ ! जंहा रोजाना वार के मुताबिक प्रधानमंत्री बदलते हों।अब फैंसला आपके विवेक पर है आपको बता दे कि ऐसी अनर्गल बातें करके देश को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है और देश के सविधान और लोकतंत्र का मज़ाक बनाया जा रहा है ?
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