एक और खुलासा -11 रुपये का फोटो महाराष्ट्र सरकार ने 1395 रुपये में खरीदा
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार की प्रिटिंग प्रेस में छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा गांधी, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, महात्मा फुले, जीजामात, शाहू महाराज जैसे महापुरुषों का जो फोटो 11 रुपये में मिलता है वैसा ही फोटो राज्य के शिक्षा विभाग ने 1395 रुपये में खरीदा है। यह मामला सामने आने पर राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावडे नए सिरे से विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं।
Pic-Taken From Navbharat Times
एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने शिक्षा मंत्री विनोद तावडे पर 106 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगया है। उन्होंने मांग की कि शिक्षा मंत्री के इस घोटाले की जांच के लिए सरकार को एक न्यायिक आयोग गठित कर इस घोटाले की जांच करना चाहिए।
नवाब मलिक ने कहा कि यह एक बड़ा घोटाला है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री ने अब महापुरुषों को बेचने का कार्यक्रम भी शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि जिन फोटो की खरीद 1 करोड़ रुपये में हो सकती थी उसके लिए सरकार ने 12 करोड़ रुपये का सौदा किया।
94 करोड़ का किताब घोटाला
एनसीपी प्रवक्ता ने कहा कि इसके अलावा तावडे के अधिकार वाले शिक्षा विभाग ने गुजरात की एक कंपनी से एक ही दिन में 94 करोड़ रुपये की किताबें खरीदी हैं। गौर करने वाली बात यह है कि इन किताबों की खरीद का आदेश वित्तिय वर्ष के आखिरी दिन यानी 31 मार्च 2015 को निकाला गया और सभी महानगरपालिकाओं और जिला परिषदों पर यह शर्त भी लाद दी गई कि एक ही दिन में गुजरात की कंपनी से किताबों की खरीद प्रक्रिया मुकम्मल हो जानी चाहिए। इस तरह 12 करोड़ का फोटो घोटाला और 94 करोड़ का किताब खरीद घोटाला मिलाकर यह कुल घोटाला 106 करोड़ का बताया जा रहा है।
स्मृति ईरानी पर भी उठी उंगली
मलिक का कहना है कि शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने अपनी सफाई में कहा है कि यह सारी खरीद केंद्र के निर्देश पर हुई है, इसलिए उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी की भी जांच होनी चाहिए।
source-https://navbharattimes.indiatimes.com/metro/mumbai/politics/the-government-has-paid-rs-1395-to-rs-11-photos/articleshow/49276706.cms
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एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने शिक्षा मंत्री विनोद तावडे पर 106 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगया है। उन्होंने मांग की कि शिक्षा मंत्री के इस घोटाले की जांच के लिए सरकार को एक न्यायिक आयोग गठित कर इस घोटाले की जांच करना चाहिए।
नवाब मलिक ने कहा कि यह एक बड़ा घोटाला है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री ने अब महापुरुषों को बेचने का कार्यक्रम भी शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि जिन फोटो की खरीद 1 करोड़ रुपये में हो सकती थी उसके लिए सरकार ने 12 करोड़ रुपये का सौदा किया।
94 करोड़ का किताब घोटाला
एनसीपी प्रवक्ता ने कहा कि इसके अलावा तावडे के अधिकार वाले शिक्षा विभाग ने गुजरात की एक कंपनी से एक ही दिन में 94 करोड़ रुपये की किताबें खरीदी हैं। गौर करने वाली बात यह है कि इन किताबों की खरीद का आदेश वित्तिय वर्ष के आखिरी दिन यानी 31 मार्च 2015 को निकाला गया और सभी महानगरपालिकाओं और जिला परिषदों पर यह शर्त भी लाद दी गई कि एक ही दिन में गुजरात की कंपनी से किताबों की खरीद प्रक्रिया मुकम्मल हो जानी चाहिए। इस तरह 12 करोड़ का फोटो घोटाला और 94 करोड़ का किताब खरीद घोटाला मिलाकर यह कुल घोटाला 106 करोड़ का बताया जा रहा है।
स्मृति ईरानी पर भी उठी उंगली
मलिक का कहना है कि शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने अपनी सफाई में कहा है कि यह सारी खरीद केंद्र के निर्देश पर हुई है, इसलिए उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी की भी जांच होनी चाहिए।
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