एक और तबादला: IAS अशोक खेमका का फिर हुआ ट्रांसफर, बोलेनहीं मानूंगा हार
हरियाणा के चर्चित आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का एक बार फिर तबादला हो गया है। खेमका को खेल और युवा मामलों के विभाग का प्रिंसिपल सेक्रटरी बनाया दिया गया है।
इस विभाग के मंत्री अनिल विज हैं। राज्य में कुल 13 आईएएस का तबादला किया गया है जिसमें खेमका का भी नाम है।
लेकिन ऐसा लगता है कि एक बार फिर खेमका अपने इस तबादले से खुश नहीं हैं। उन्होंने लिखा है कि स्वार्थी तत्वों की जीत हो गई है। अपने तबादले की खबर के बाद अशोक खेमका ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि कई सारे कामों की तैयारियां की थीं और अचानक एक और तबादले की खबर मिल गई।
खेमका की गिनती भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले नौकरशाहों में होती है। अशोक खेमका की पहली पोस्टिंग 1993 में हुई थी। 1991 बैच के आईएएस खेमका के कई तबादले ऐसे हुए हैं जहां वे एक महीने भी नहीं रह सके। अपने उन्होंने अलग-अलग विभागों में 8 ऐसी पोस्ट संभालीं, जो एक महीने या उससे भी कम की रहीं है।
खेमका सुर्खियां में तब आए जब रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील की म्यूटेशन को खारिज कर दिया था । रॉबर्ट वाड्रा विवाद के दौरान एक इंटरव्यू में उन्होंने बार-बार ट्रांसफर पर अफसोस जताया था। उन्होंने उस वक्त कहा था सरकार किसी भी पार्टी की हो मुझे हर बार अपनी अपनी ईमानदारी की सजा भुगतनी पड़ी है। क्योंकि मैं हमेशा घोटालों का खुलासा करता रहा हूं'
इस विभाग के मंत्री अनिल विज हैं। राज्य में कुल 13 आईएएस का तबादला किया गया है जिसमें खेमका का भी नाम है।
लेकिन ऐसा लगता है कि एक बार फिर खेमका अपने इस तबादले से खुश नहीं हैं। उन्होंने लिखा है कि स्वार्थी तत्वों की जीत हो गई है। अपने तबादले की खबर के बाद अशोक खेमका ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि कई सारे कामों की तैयारियां की थीं और अचानक एक और तबादले की खबर मिल गई।
एक बार फिर आपातकालीन लैंडिंग हो गई है और निहित स्वार्थों की जीत हो गई। लेकिन यह अस्थायी है और काम नए उत्साह और ऊर्जा के साथ जारी रहेगा।So much work planned. News of another transfer. Crash landing again. Vested interests win. Déjà vu. But this is temporary.— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) November 12, 2017
Will continue with renewed vigour and energy.
खेमका की गिनती भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले नौकरशाहों में होती है। अशोक खेमका की पहली पोस्टिंग 1993 में हुई थी। 1991 बैच के आईएएस खेमका के कई तबादले ऐसे हुए हैं जहां वे एक महीने भी नहीं रह सके। अपने उन्होंने अलग-अलग विभागों में 8 ऐसी पोस्ट संभालीं, जो एक महीने या उससे भी कम की रहीं है।
खेमका सुर्खियां में तब आए जब रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील की म्यूटेशन को खारिज कर दिया था । रॉबर्ट वाड्रा विवाद के दौरान एक इंटरव्यू में उन्होंने बार-बार ट्रांसफर पर अफसोस जताया था। उन्होंने उस वक्त कहा था सरकार किसी भी पार्टी की हो मुझे हर बार अपनी अपनी ईमानदारी की सजा भुगतनी पड़ी है। क्योंकि मैं हमेशा घोटालों का खुलासा करता रहा हूं'
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