कश्मीर में आतंकनवाजी -जवानो के लिए 96 रूपए और आतंकवादियों के लिए 110 रुपए की थाली, देखें विडिओ कैसे जवानों से बेहतर खाना दिया जा रहा है आतंकवादियों को

आप इस पर विश्वास नहीं करेंगे, लेकिन यह सच है, और ये सच्चाई आपको न सिर्फ झटका देगी, बल्कि आप भारतीय होने पर ठगा सा महसूस करोगे
क्या होगा अगर आपको बताया जाये कि कश्मीर में आतंकवादियों को जेलों में बेहतर इलाज मिल रहा है,जिन्हे पकड़ने के लिए हमारे बहादुर सैनिकों अपना जीवन खतरे में डाल देते है   (कई सैनिकों ने अपनी ज़िंदगी का बलिदान दिया है )।

यह एक ऐसा देश है जहां एक आम भारतीय के लिए 25-30 रुपये की 'थाली' को काफी अच्छा माना जाता है। और, इसी देश में कश्मीर की जेलों में बंद आतंकवादियों और पत्थरबाजों को 110 रुपये की थाली दी जाती है।
यह हमारी -आपकी कड़ी मेहनत के पैसे है जो हम कर के रूप में सरकारों को देते हैं, जिसे सरकार 'भारत के नागरिकों को मारने वाले आतंकवादियों' को खिलाने पर खर्च कर रही है।

यह बहुत चौंकाने वाला है जँहा आतंकवादिओं और पत्थरबाजों को 110 रुपए रोजाना का खाना वंही देश की बहादुर सेना के जवान जो देश की रक्षा के लिए ज़िंदगी बलिदान करते हैं, उन्हें खाने के लिए 96 रुपये रोजाना का खाना दिया जाता है ।
और अधिक चौकाने वाली बात तो ये है कश्मीर में आतंकवादियों और पत्थरबाजों को सेना और अर्धसैनिक सैनिकों की तुलना में बेहतर इलाज मुहैया कराया जाता है.

चौंकाने वाला तथ्य यह है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक कैदियों पर भोजन व्यय का राष्ट्रीय औसत 52.42 रुपये है। यह आंकड़ा उस राशि से लगभग दो गुना है
लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि राष्ट्रवाद विरोधी और आतंकवादी जम्मू और कश्मीर सरकार के लिए विशेष हैं, अन्यथा राज्य सरकार इन आतंकवादियों और पत्थरबाजों पर राष्ट्रीय औसत के दोगुने से अधिक क्यों खर्च करेगी।
जिस देश में खराब गुणवत्ता वाले भोजन के बारे में शिकायत करने के लिए एक बीएसएफ जवान को बर्खास्त कर दिया गया था, वँहा देखिये कैसे राष्ट्रद्रोहियों को दैनिक आधार पर खाने में क्या दिया जाता है :

कश्मीर जेलों में कैदियों को दिया जाने वाला खाना:

1. चाय के साथ दो 'कचौड़ी'

2. दोपहर का भोजन: चावल, चपाती ,सब्जियाँ और 'दाल'

3. दूध प्रति दिन 100 ग्राम

4. एक हफ्ते में एक बार मटन / चिकन की दावत

हमारे देश में एक बीएसएफ जवान को प्रति दिन 400 ग्राम और सेना के जवान को 310 ग्राम आटा दिया जाता है, जबकि कश्मीर के जेल में बंद एक कैदी 600 ग्राम आटा दिया जाता है। इसी तरह एक बीएसएफ जवान को प्रति दिन 220 ग्राम और सेना के जवान को 310 ग्राम चावल दिया जाता है, जबकि जम्मू और कश्मीर सरकार हर दिन कैदियों को 600 ग्राम चावल देती है।

हमने देखा था कैसे खराब खाने की शिकायत करने वाले जवान की आवाज़ को सरकार ने दबा दिया ,ये बहुत ही शर्मनाक है जंहा जवानो को अच्छा खाना तक नहीं मिल पा रहा और आतंकवादी गुलछर्रे उड़ा रहे है

हमारे देश में राज्य सरकार ही कैदियों के मेनू का फैसला करती है। जाहिर है, भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले जम्मू-कश्मीर सरकार के लिए प्रिय हैं

विडिओ देखें 

Source-News24
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