उत्कल एक्सप्रेस और कैफ़ियात एक्स. के बाद मुंबई में दुरन्तो एक्सप्रेस भी बिना पटरी के दौड़ने में सफल हो गयी है.आजकल ट्रेन पटरियों पर कम और जमीन पर ज्यादा चलती नज़र आ रही है। पहले रेलवे को सबसे महफूज सफर माना जाता था लेकिन आज मोदी की पार्टी भाजपा ने इसी रेल को सबसे खतरनाक सफर बना दिया है। रोजाना होती रेल दुर्घटनाओं के कारण आज रेल यात्री डरे और सहमे हुए है ! अगर ऐसा ही रहा तो लोग रेलवे में सफर करने से डरने लगेंगे! रेल दुर्घटनाये लोगो का काल बन कर आ रही है हर बार दुर्घटना होने पर सिर्फ जाँच के आदेश दिए जाते है लेकिन जाँच कभी पूरी नहीं होती , और न ही रेल दुर्घटनाओं का कारण पता किया जाता ! हर बार आगे से दुर्घटना नहीं होगी के आश्वासन और मृतकों एवं घायलों को मुआवजा देकर घटना को भुला दिया जाता है कभी भी रेलवे के सुधारों और इम्प्रोवेमेन्ट्स की कोई बात नहीं होती ,और यंहा तक दुर्घटनाएँ होती रहती है जबकि उनकी जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं होता। ऐसा लग रहा है जैसे आज प्रभु ने रेलवे को सीधा स्वर्ग से जोड़ दिया है और अब स्वर्ग के लिए भी ट्रेन चलने लग गयी है। यात्रियो
जानिए कैसे ये 10 पॉइंट बताते है कि सरकार का असल मकसद जान बचाना नहीं बल्कि पैसे कमाना है ! 1.अगर सच में लोगों की जान बचाना सरकार की प्राथमिकता होती तो चालान से कमाए पैसों से सबसे पहले रोड एक्सीडेंट में घायल लोगों के लिए किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में उसका फ्री इलाज निर्धारित करती ताकि सही मायनों में उसकी जान बचाई जा सके क्योंकि एक्सीडेंट कभी कागजात देख कर नही होते, किसी के पास सारे कागजात होने पर एक्सीडेंट न हो इसकी कोई गारंटी नही होती। 2.हेलमेट के चालान की वजह वो हेलमेट देती। 3. रोड एक्सीडेंट में घायल लोगों को समय पर मेडिकल सुविधा मिले इसके लिए जरूरी कदम उठाती जैसे दिल्ली में घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाने वाले को 2000 रुपये की राशि दी जाती है या कुछ अलग से एम्बुलेंस की व्यवस्था करती जो एक्सीडेंट में घायल लोंगो को तय समय के अंदर मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराती। 4.रोड में बने तलाबनुमे गड्डों को जल्द से जल्द भरने का आदेश पारित करती। 5.रोड पर रात के समय उजाले की व्यवस्था करने का आदेश पारित करती 6 कम से कम खुले गटर और मैनहोल के लिए 2 शब्द बोले जाते। 7 अंडरपास और रोड क्
ग्लोबल हंगर इंडेक्स के आंकड़े भारत की स्थिति को बेहद खराब बता रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में भूख एक गंभीर समस्या है और 119 देशों के वैश्विक भूख सूचकांक में भारत 103वें पायदान पर पहुंच गया है.पिछले साल भारत 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' में 100वें नंबर पर था. नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों की स्थिति भारत से बेहतर है. हालांकि, पाकिस्तान की 106वीं रैंक है. आपको बता दे कि साल 2014 में केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार बनने के बाद से ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में लगातार गिरावट आई है, साल 2014 में भारत जहां 55वें पायदान पर था, तो वहीं 2015 में 80वें, 2016 में 97वें और पिछले साल 100वें पायदान पर आ गया. इस बार रैंकिंग 3 पायदान और गिर गई. पड़ोसी देशों के हालात- ग्लोबल हंगर इंडेक्स की ताजा रिपोर्ट में भारत की स्थिति नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों से भी खराब है. इस साल GHI में बेलारूस टॉप पर है, तो वहीं भारत के पड़ोसी चीन को 25वीं, बांग्लादेश को 86वीं नेपाल को 72वीं, श्रीलंका को 67वीं और म्यांमार को 68वीं रैंक मिली है क्या है ये ग्लोबल ह
लोगो से मोदी की लहर और जादू खत्म हो गया है नमो का नमोनिआ हुआ फेल हर तरह दिखा केजरीवाल का जादू बवाना में 25 राउंड की गिनती के बाद आप को 56178, बीजेपी को 33046 और कांग्रेस को 29459 वोट दिल्ली की बवाना विधान सभा सीट पर हुए उप-चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार राम चंदर ने धमाकेदार जीत दर्ज कर ली है। एक बार फिर आम आदमी पार्टी ने अपना परचम फराया और अपने विरोधियो को जोर का झटका दिया है ,केजरीवाल ने अपने विरोधियों की नीम हराम की हुई है मनोज तिवारी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अरविन्द केजरीवाल को बधाई दी है लोग इसे मोदी की हार मान रहे हैं !क्योकि अगर बीजेपी की हर जीत में मोदी की लहार होती है तो हार में भी तो उनकी ही ज़िम्मेदारी बनती है ! केजरीवाल की लहर के सामने मोदी लहार पड़ी फीकी आपको बता दे कि बवाना विधान सभा सीट पर हुए उप-चुनाव में vvpat का इस्तेमाल किया गया था vvpat वाली मशीन में एक पर्ची निकलती है जिसमे उस पार्टी का चुनाव चिन्ह और पार्टी के उमीदवार का नाम होता है जिसे आपने वोट दिया है अरविन्द केजरीवाल ने इसे लोगो की जीत बताया उन्होंने कहा ये जीत उन सभी पार्टी कार्यक
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