मोदी जी का 2 करोड़ सालाना नौकरी देने का वादा साबित हुआ जुमला,बड़ रही है बेरोजगारी
मोदी जी ने सरकार बनने से पहले नौकरियो की भरमार करने का वादा किया था पर लगता है कि बाकी वादों की तरह उनका ये वादा भी जुमला ही साबित होने वाला है।मौजूदा हालात में भारत में बेरोज़गारी बढ़ती ही जा रही है। नयी नौकरियां पैदा नहीं हो पा रही है। जो मौजूदा नौकरियां है उनमे से भी लोगो को निकाला जा रहा है।
मोदी सरकार जुमलो की सवारी कर के सत्ता तक तो आगयी है लेकिन अब अपने झूठे वादों की तरफ पलट कर भी नहीं देख रही है। आंकड़ो के जरिये आपको जुमलो का खेल समझाते है।
नवम्बर 2013 में आगरा में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी जी ने युवा वर्ग को सालाना 1 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था।वादा करके मोदी जी को युवाओं ने देश की सत्ता तो दे दी पर अब सरकार को 3 साल पूरे हो जाने के बाद लोगो को समझ आने लगा है कि मोदी जी का वादा मात्र एक जुमला था।
ये हम नहीं कह रहे है ये आंकड़े कह रहे है।
पिछले 7 सालों की तुलना करे तो मोदी सरकार के कार्यकाल में नौकरियों की पैदावार में भारी गिरावट आयी है।
पिछले 7 सालों की तुलना करे तो मोदी सरकार के कार्यकाल में नौकरियों की पैदावार में भारी गिरावट आयी है।
2009 के बाद अब मोदी सरकार के कार्यकाल में नौकरियों में सबसे ज्यादा कमी आयी है।
कांग्रेस सरकार के मुकाबले भाजपा सरकार के पिछले 3 साल के कार्यकाल में नौकरियों में दो तिहाई की कमी आयी है।
भाजपा की राजनीती पिछले 3 साल से गाय गोबर राष्ट्रवाद हिन्दू मुस्लिम और दलित के इर्द गिर्द घूम रही है। भाजपा इन मुद्दों को सामने कर असल मुद्दे से ध्यान भटकाने का खेल खेल रही है। भाजपा बखूबी जानती है कि इस देश में धर्म की आड़ में वे मुख्य मुद्दों पर उठ रहे सवालो से बच कर निकल जाएगी।
मौजूदा स्तिथि में हालात इतने खराब है कि अगर कोई यह सवाल भी पूछ दे की भई मोदी जी आपने नौकरियों का वादा किया था क्या हुआ आपके वादे का। तो भजापा के प्रवक्ता मीडिया वालों के साथ मिल के सवाल पूछने वाले को देशद्रोही साबित कर देंगे और उसे पाकिस्तान भेजने की बात करेंगे।
अब आप ही बताइए क्या अपने हक़ की आवाज उठाना, देश के असल मुद्दों को सामने रखना, सरकार की नाकामियो पर सरकार से सवाल करना, क्या ये सब देशद्रोह की श्रेणी में आता है ??
अब आप ही बताइए क्या अपने हक़ की आवाज उठाना, देश के असल मुद्दों को सामने रखना, सरकार की नाकामियो पर सरकार से सवाल करना, क्या ये सब देशद्रोह की श्रेणी में आता है ??
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