मोदी के राज़ में किसानो की ये दुर्दशा , भैया आप तो कहते थे मोदी जी किसानो के हितैशी है ,कहा गई वो इंसानियत लोगो में ? विरोध की नई हदें लांघने को तैयार तमिलनाडु के किसान, आज पिया मानव मूत्र? शर्मनाक !

वो देश के अन्नदाता हैं लेकिन दिल्ली के सियासी गलियारों के बीचों-बीच नेताओं और मीडिया की नजर-ए- इनायत के लिए तरस रहे हैं. जंतर-मंतर में तमिलनाडु के किसान पिछले 38 दिनों से अपने दर्द की ओर ध्यान खींचने के लिए दिल दहलाने वाली कोशिशें कर चुके हैं और शनिवार को उन्हें मानव मूत्र पीकर विरोध जताने की धमकी दी है. किसानों का कहना है कि अगर उनकी अब भी नहीं सुनी गई तो वो रविवार को मानव मल खाने की हद भी पार करेंगे.
जो लोग मोदी भक्ति में लीन है मेरा आज उनसे सवाल है की क्या तमिलनाडु के किसान भारतीय नहीं क्यों उन गरीब किसानो का पैसा माफ़ नहीं किया जा सकता , क्या मोदी और उनकी सरकार इतनी असवेदनशील हो गयी है ? हम इस सरकार की पूर्णतः भर्तसना करते हैं जिसने लाखो करोड़ रुपए बड़े बड़े उद्योगपतियों के तो माफ़ कर दिए और अभी बांग्लादेश की शेख हसीना को 20000 करोड़ रुपए की मदद दे दी। लेकिन पिछले 38 दिनों से विरोध कर रहे किसानो की बात को लेकर कान पर जूं नहीं रेंगती इस सरकार पर।

देश के किसान आज विरोध की नई हदें लांघने को तैयार है मैं और आप सोच भी  नहीं सकते वो पिछले 38 दिनों से ऐसा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं कि जिसे देखकर और सुनकर किसी का भी दिल सहम जाए।

विरोध जो आपने देखा ना सुना.. लेकिन सरकार कुम्भकरणीय निंद्रा से जागने को तैयार ही नहीं।

देखिये वो अब तक क्या क्या कर चुकें है

1. वो आत्महत्या कर चुके किसानों की खोपड़ियां भी साथ लेकर आए हैं ताकि सरकार उनकी मांग मान  सके।

2 . कर्ज माफ़ी के लिए पीएमओ कार्यालय के सामने नंगे तक हो गए।


3 . चूहे खाने और सांप को मुंह में रखने जैसे तरीके भी अपना चुके हैं.



4. घास पूस खाकर अपना विरोध जता चुके हैं




5. जमीन पर चावल और दाल  रखकर खाना खाकर भी अपना विरोध जता चुकें है जो आप सोच भी नहीं सकते

6. भीख का कटोरा भी इस सरकार का सामने फैला चुके हैं और फिर भी हम इसे राष्ट्रवादी सरकार कहते हैं

7. आधी मूछ और आधा सिर मुडवाके अपना विरोध जता चुके हैं



8. वो नुकड़ नाटक के जरिये मोदी द्वारा चलाये जा रहे किसानो पर हंटर को भी दर्शा चुकें हैं




9. उन्होंने साड़ी और महिला वस्त्र पहनकर भी अपना विरोध जताया। 

10. घास पूस खाकर जानवर की तरह चलकर भी अपना विरोध जाहिर किया। 



11 . और आज वो प्लास्टिक की बोतलों में मानव मूत्र लेकर बैठे हैं  एक आंदोलनकारी किसान ने मीडिया से कहा, 'हमें तमिलनाडु में पीने को पानी नहीं मिल रहा है. पीएम मोदी हमारी प्यास को नजरअंदाज कर रहे हैं. इसलिए हमारे पास अपना मूत्र पीने के अलावा और कोई चारा नहीं है.'



12 . इससे आगे उन्होंने कहा है कि सरकार अभी भी हमारी बातों को नज़रअंदाज़ करती है तो वो कल अपना मल खाने को भी तैयार है आप सोच सकतें हैं कि यह भारत के लिए कितनी शर्म की बात है  जो नेता जय किसान जय जवान का नारा तो देते हैं लेकिन उसकी खुशहाली के लिए कुछ करने को तैयार नहीं .



पता नहीं कहा गए समाजसेवी आदमी जो अपने को समाजसेवी मानते हैं अण्णा हज़ारे इस मुद्दे पर बोलते नज़र नहीं आ रहे हैं वो जो दिल्ली सरकार की छोटी छोटी बातों पर अपनी राय व्यक्त करते थे आज उन्हें सांप सूंघ गया हैं
किसानो और जवानो की हितैषी मने जाने वाली सरकार की कलई खुल गई आज उनका असली चेहरा जनता के सामने है।
मेरी राष्ट्रभक्ति तो जबाब दे गयी आपका पता नहीं , जो अभी तक इस पुरे वाक़्या पर चुप्पी साधे बैठे हैं
वो मीडिया भी चुप जो सोनू निगम के गंजे होने पर इतना चिल्लाता रहा था यंहा किसान नंगे हो गए वो अभी तक सरकारों की गुलामी में लगी है





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