*सत्य को कहने के लिए किसी,* *शपथ की जरूरत नहीं होती।*
*सत्य को कहने के लिए किसी,*
*शपथ की जरूरत नहीं होती।*
*शपथ की जरूरत नहीं होती।*
*नदियों को बहने के लिए किसी,*
*पथ की जरूरत नहीं होती।*
*पथ की जरूरत नहीं होती।*
*जो बढ़ते हैं जमाने में,*
*अपने मजबूत इरादों के बल पर,*
*अपने मजबूत इरादों के बल पर,*
*उन्हें अपनी मंजिल पाने के लिए,*
*किसी रथ की जरूरत नहीं होती।*
*किसी रथ की जरूरत नहीं होती।*
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