जवानों की रोजाना हो रही शहादत पर सरकार चुप क्यों है
मुझे पता नही क्यों हम इतने अस्वेदनशील और गैरजिम्मेदार हो गए हैं जब तक बड़ी संख्या में हमारे जवान शहीद नही होते या हमारे देश पर कोई बड़ा हमला नही होता , हम कोई कार्यवाई नही करते।
जैसा की आपको पता है रोजाना पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर का उलंघन हो रहा है और उसमें भारत का एक या दो जवान जवान शहीद और बहुत संख्या में जवान घायल भी हो रहे हैं और हमारे गृह मंत्री और लंबी लंबी हांकने वाले रक्षा मंत्री चुप बैठे हुए हैं उन्हें कोई फ़िक्र नही हमारे जवानों की उन्हें तो बस राजनीती करने से मतलब
क्या हम तभी जागते है जब तक कोई हम पर बड़ा हमला ना करे औए जब तक हमे बहुत ज्यादा क्षति का सामना न करना पड़े।
हमारे प्रधानमंत्री जी इसराइल से अपनी तुलना तो कर रहे है लेकिन क्या आपको पता है एक इसराइल जवान या नागरिक मारने का बदला वो दूसरे देश के 1000 नागरिकों या जवानों को मारकर लेते है
इसराइल में हर व्यक्ति को फोजी ट्रेनिंग जरूरी है चाहे वो नेता ही क्यों न हो
मेरा कहने का तात्पर्य ये है कि हमे इसराइल की तरह सवेंदनशील भी होना पड़ेगा।हमें भी हमारे प्रत्येक जवान की शहादत का मूल्य समझना होगा जिसने भारत माँ के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है और हमे भी हमारे एक एक जवान की शहादत का बदला लेना होगा। हमारे जवान रोजाना सिमा पर शहीद हो रहे है और सरकार हाथ पे हाथ रखकर बैठी हुई है।
हमे अपनी सीमाओं को और ज्यादा सुरक्षित और जवानों को हर जरूरी हथियार और सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने होंगे।
ताकि वो किसी भी बड़े से बड़े हमले का बिना कोई शहादत माकूल जबाब दे सके।
जैसा की आपको पता है रोजाना पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर का उलंघन हो रहा है और उसमें भारत का एक या दो जवान जवान शहीद और बहुत संख्या में जवान घायल भी हो रहे हैं और हमारे गृह मंत्री और लंबी लंबी हांकने वाले रक्षा मंत्री चुप बैठे हुए हैं उन्हें कोई फ़िक्र नही हमारे जवानों की उन्हें तो बस राजनीती करने से मतलब
क्या हम तभी जागते है जब तक कोई हम पर बड़ा हमला ना करे औए जब तक हमे बहुत ज्यादा क्षति का सामना न करना पड़े।
हमारे प्रधानमंत्री जी इसराइल से अपनी तुलना तो कर रहे है लेकिन क्या आपको पता है एक इसराइल जवान या नागरिक मारने का बदला वो दूसरे देश के 1000 नागरिकों या जवानों को मारकर लेते है
इसराइल में हर व्यक्ति को फोजी ट्रेनिंग जरूरी है चाहे वो नेता ही क्यों न हो
मेरा कहने का तात्पर्य ये है कि हमे इसराइल की तरह सवेंदनशील भी होना पड़ेगा।हमें भी हमारे प्रत्येक जवान की शहादत का मूल्य समझना होगा जिसने भारत माँ के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है और हमे भी हमारे एक एक जवान की शहादत का बदला लेना होगा। हमारे जवान रोजाना सिमा पर शहीद हो रहे है और सरकार हाथ पे हाथ रखकर बैठी हुई है।
हमे अपनी सीमाओं को और ज्यादा सुरक्षित और जवानों को हर जरूरी हथियार और सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने होंगे।
ताकि वो किसी भी बड़े से बड़े हमले का बिना कोई शहादत माकूल जबाब दे सके।
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