Jeet Garg Quotes

52. झूठे थे तेरे सारे वादे
      जिसने मुझे तेरा बनाया।

51. जो भरोसा था कभी हमारे प्यार में
       वो तिल तिल कर दम तोड़ गया
50. कैसे भुला दूँ तुम्हे।
      मुझे तेरे सिवा कुछ दिखाई ही नही देता।

49. तू मुकाम था मेरा लेकिन ख्याब बनके रह गया।

48.तुम हो न सकी मेरी 
     इसका मतलब नही, की भुला दूँ तुम्हे

आज भी मेरी जिंदगी में साँसों की तरह हो तुम।

47. हम जितनी तेज़ी से विकास कर रहे है वास्तव में उतनी ही तेज़ी से धरती का विनास भी कर रहे है। 
(आज के विकास के लिए प्रयावरण को दूषित कर जघन्य बिमारियों को न्योता देकर अपने आने  वाले बच्चों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे है।)

46. मेरी नाकामियों से थक गया हूँ मैं लेकिन मेरे होंसलों की उड़ान अभी जारी है।
45. एक बात जरूर याद रखना अक्ल दिमाग में नही पैसों में होती है

44. कलाकार हूँ साहब पैसे कम मिल जाये लेकिन तालियाँ भरपूर मिलनी चाहिए

43. सजी है मंडी लोकतंत्र के बाजार में।
जिस्म तो छोड़ो जमीर भी बिकता है इस सरकार में।

42. मुझे गिराने के चक्कर में कुछ लोग मेरी नज़रों में गिर गए।

41.मुझे गिराने में लगे कई हाथ। लेकिन गिरा ना सके क्योंकि संभालने के लिए तेरा एक हाथ ही काफी है।  

40. पैसों की कीमत परिस्थितियों के अनुसार बदलती है 

39. कीमत पैसों की नहीं 
परिस्थितियों की होती है 

38. आज बुद्धिमान वो नहीं जो अक्ल रखते हैं बुद्धिमान वो है जो धन रखते है। 

37. चमचागिरी अक्सर वो लोग किया करते हैं जिनमे कुछ काम करने की काबिलियत नहीं होती। 

36.No Hard Work Works Without Good Luck

35.गरीबी बच्चे नहीं मारती लेकिन बचपन मार देती है 

34.जो कभी साथ मरने की कसमें खाया करते थे।

वो आज बिछड़ कर भी जिंदा है।

33.जब दिमाग पर दिल हावी हो तो समझ लेना प्यार हो गया है 

32. उसका बात न करना मानो जिंदगी रूठ गयी हो मुझसे !

31. जिंदगी कुछ भी नहीं 
     बस एक तेरी ख्वाहिश है 

30. याद आज भी है वो शाम.
      एक तू और तेरा नाम। 

29. तू क्या साथ देगी जब वक़्त साथ नही दे रहा मेरा।


28. चल रहा हूँ सच के रास्ते पर 
     पता है जबकी ये दुनिया झूठी है

27. ख़्वाहींशों की हसरत में
    हौंसलो के पथ पर हुँ
    मेहनतों के रथ पर हुँ
    कामयाबी देखेंगे तुझे
    तू दूर मुझसे कब तक है

26. वो यादें स्फूर्त-ए-खाक हो रही हैं 
      जो कभी सोने नही देती थी।

25. काश इन्साफ का तराजू भी डिजिटल होता ? 
    मारे गए किसानों को मुआवजा नहीं उनका हक़ मिला होता ।

24. कोई कहता है हिन्दू मर रहा है कोई कहता है मुस्लमान मर रहा है। 
    ना हिन्दू ना मुस्लिम मैं कहता हूँ मेरा हिन्दुस्तान मर रहा है। 

23. मेरे आज से मेरी हैसियत मत आँक।
    मेरा समय आएगा और सब बदल जायेगा।  

22.ऊंचाइयां इतनी भी  न मिले इंसान को ,
     कि उसकी इसांनियत गिर जाये।


21.मैं सोचता रहा उसे रात भर,
   वो नींद हो गयी कि आती ही नही।

20. जिसकी किस्मत में माँ बाप की सेवा का सुख नही , 
     अक्सर वो लोग कुत्ते पाला करते है।

19. मत बांटो इंसान को इंसान ही रहने दो, 
      न हिन्दू न मुसलमान हमे धर्मों से अंजान  ही रहने दो

18. शहर हो गए तबाह इसी  मतभेद में।
      कोई हिन्दू तो ,कोई मुसलमान और रंगभेद में

17. हिन्दू मर रहा है या मुसलमान मर रहा है 
      मुझे बस इतना पता है इंसान मर रहा है

16. शहर जल रहे थे दंगे भड़क रहे थे, 
      रोये वो जिनके अपने मरे, 
      नेता तो राजनैतिक रोटियां सेक रहे थे।

15. काश इंसाफ का तराजू भी आज डिजिटल हुआ होता।
      तो यूं सरेआम इंसानियत का कत्ल न हुआ होता।

14. उस बलूचिस्तान का क्या हुआ जो साहेब ने लाल किले से चिल्ला             चिल्ला कर कहा था।

13. सोचता हूं किसी दिन भगवान से मुलाकात हो जाये।
      हिंदी अंग्रेजी उर्दू किसी मे तो बात हो जाये।



10. आज आदमी इतना व्यस्त हो गया, 
     भगवान भी सिर्फ दिनों का होके रह गया।
     #हनुमान जयंती




06. लोकतंत्र की बात छोडो, यंहा तो भगवान के दर्शन तक बिक जाते हैं

05. लोग तो जन्म देने वाले माँ बाप तक को नकार देते है 
      वो तो फिर भी भगवान् है


03. सपने बड़े हैं ,औकात अभी छोटी है
     देखते हैं जिंदगी तेरा फलसफा क्या होगा ?


01. मेरी कोशिशें कभी नाकाम नही होंगी।
     मुझ पर आज हँसने वाले कल अपना अंजाम देख लेना।


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