5 राज्यों में बीजेपी की बुरी हार और कांग्रेस की बल्ले बल्ले ,हार से बीजेपी में मचा हड़कंप
आज 5 राज्यों में हुए चुनाव के लिए वोटो की गिनती हुयी जिसमे भाजपा को सभी 5 राज्यों में हार का सामना करना पड़ा है हार की वजह से बीजेपी में हड़कंप मच गया है और बीजेपी के राज्यसभा सांसद ने हार को लेकर मोदी और योगी पर गंभीर सवाल उठाये है सांसद संजय काकड़े ने कहा कि मैं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को चिट्ठी लिखकर योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं के बेतुकी बयानबाजी को रोकने कहूंगा. क्योंकि ये नेता हनुमान की जाति, राम मंदिर और केवल शहरों के नाम बदलने की बात कहते हैं.
लोकसभा से पहले हुए इन चुनावों को सेमीफइनल की तरह देखा जा रहा है ,कांग्रेस को लोकसभा चुनावों के लिए मनोवैज्ञानिक बढ़त मिलेगी और जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास आसमान में होगा।
इन राज्यों के चुनाव परिणाम से 2019 के लिए धुंधली सी तस्वीर तो पेश हो ही जायेगी. पांच राज्यों की 679 विधानसभा सीटों के लिए आ रहे विधानसभा चुनाव परिणाम के जरिए देश के लगभग 20.28 करोड़ लोगों के लिए नेतृत्व का निर्धारण किया जायेगा. ये आबादी देश की लगभग 17 फीसदी है.
आपको बता दे कि इन 5 राज्यों में भाजपा को बुरी हार मिली है ऐसा लग रहा है जैसे मोदी और शाह का जादू अब फीका पड़ गया है ,राजनीती के चाणक्य के तौर उभरे अमित शाह को बीजेपी शासित राज्य को बचाने के लाले पड़ रहे है ,जनता के सामने अमित शाह की चाणक्य गिरी धरी की धरी नज़र आ रही है!
इन 5 राज्यों ने भाजपा की राजनीती को पूर्णतः नकार दिया है ,चुनावी जीत की वाह- वाही लेने वाले मोदी , क्या इन सभी 5 राज्यों में हार की जिम्मेदारी लेंगे?
भाजपा डूबते हुए उस जहाज की तरह है जिसकी सवारी कोई नहीं करना चाहेगा जिसे देखते हुए उपेंद्र कुशवाह ने पहले से ही भाजपा का दामन छोड़ दिया है और अभी बहुत से ऐसे दल हैं जो लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का साथ छोड़ सकते है आपको बता दे कि शिवसेना समय समय पर भाजपा को आँख दिखाती रहती है जबकि JDU और LJP का भी कोई भरोशा नहीं कब वो भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस के साथ चले जाएँ।
5 राज्यों के चुनाव का विश्लेषण
लोकसभा से पहले हुए इन चुनावों को सेमीफइनल की तरह देखा जा रहा है ,कांग्रेस को लोकसभा चुनावों के लिए मनोवैज्ञानिक बढ़त मिलेगी और जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास आसमान में होगा।
इन राज्यों के चुनाव परिणाम से 2019 के लिए धुंधली सी तस्वीर तो पेश हो ही जायेगी. पांच राज्यों की 679 विधानसभा सीटों के लिए आ रहे विधानसभा चुनाव परिणाम के जरिए देश के लगभग 20.28 करोड़ लोगों के लिए नेतृत्व का निर्धारण किया जायेगा. ये आबादी देश की लगभग 17 फीसदी है.
आपको बता दे कि इन 5 राज्यों में भाजपा को बुरी हार मिली है ऐसा लग रहा है जैसे मोदी और शाह का जादू अब फीका पड़ गया है ,राजनीती के चाणक्य के तौर उभरे अमित शाह को बीजेपी शासित राज्य को बचाने के लाले पड़ रहे है ,जनता के सामने अमित शाह की चाणक्य गिरी धरी की धरी नज़र आ रही है!
इन 5 राज्यों ने भाजपा की राजनीती को पूर्णतः नकार दिया है ,चुनावी जीत की वाह- वाही लेने वाले मोदी , क्या इन सभी 5 राज्यों में हार की जिम्मेदारी लेंगे?
भाजपा डूबते हुए उस जहाज की तरह है जिसकी सवारी कोई नहीं करना चाहेगा जिसे देखते हुए उपेंद्र कुशवाह ने पहले से ही भाजपा का दामन छोड़ दिया है और अभी बहुत से ऐसे दल हैं जो लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का साथ छोड़ सकते है आपको बता दे कि शिवसेना समय समय पर भाजपा को आँख दिखाती रहती है जबकि JDU और LJP का भी कोई भरोशा नहीं कब वो भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस के साथ चले जाएँ।
5 राज्यों के चुनाव का विश्लेषण
मध्यप्रदेश
राजस्थान
छत्तीसगढ़
तेलंगाना
मिजोरम
ये 5 राज्य आगे की राजनीती की दिशा और दशा तय करेंगे , किसी भी राज्य में भाजपा की सरकार न आना भाजपा के लिए खतरे की घण्टी है।
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