मैं भी इस भक्तिमय वातावरण में भक्तो जैसी भक्तिमय बातें कर सकता हूँ

दोस्तों मैं भी इस भक्तिमय वातावरण में भक्तो जैसी भक्तिमय बातें कर सकता हूँ पर क्या किसी नेता की भक्ति करना उचित है हमें मुद्दों पर समर्थन करना होगा। सच को सच और झूठ को झूठ बोलना पड़ेगा। सिर्फ आँखे बंद करके किसी की अंधभक्ति करना देशभक्ति नही हो सकती ,इससे आप  देश का नुकशान कर रहे हो। आज जो भी सरकार की गलत नीतियों का भी विरोध करता है उसे भक्त या तो गलियां देने ;लगते है या फिर उसे एंटी नेशनल यानि देशद्रोही का टैग लगा देते हैं क्या इस देश में भक्तो का स्तर इतना गिर गया है कि वो इतने अनैतिक और असंस्कारी हो गए हैं
क्या इस देश में विरोध करना या अपनी आवाज उठाना एंटी नेशनल है
जनता को किसी भी नेता की गलत नीतियों का विरोध करने का पूरा अधिकार है जैसे चुनी हुई सरकारों को 5 साल के लिए जनता पे शासन करने का अधिकार होता है
जब जब इस देश में किसी भी राजनितिक पार्टी ने जनता की आजादी का दायरा सिमित किया है तब तब सरकारों को अगले चुनावों में उसका नतीजा भुगतना पड़ा है
अरे भक्ति करो तो देश की करो ,मोदीभक्त कहलाने से अच्छा है देशभक्त कहलाना 

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