जिस AFSPA को लेकर कांग्रेस पर हमलावर है बीजेपी ,2014 में बीजेपी ने भी किया था यही वादा
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया है कि सत्ता में आने के बाद सशस्त्र बल अधिनियम (AFSPA) की समीक्षा की जाएगी. जिसे लेकर घमाशान मचा हुआ है। बीजेपी AFSPA को लेकर कांग्रेस पर लगातार बड़ा हमला कर रही है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली तक ने AFSPA को लेकर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर रही है.लेकिन हम आपको बता दे कि बीजेपी भी कांग्रेस की तरह ही AFSPA की समीक्षा का वादा कर चुकी है.
बता दें कि AFSPA कानून के तहत सेना को कुछ विशेष अधिकार मिले हैं. जिसके तहत सेना किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है और हिंसा की स्थिति में फायरिंग भी कर सकती है.जिसकी समीक्षा करने के लिए कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया है कि वह सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (AFSPA) 1958 में सुरक्षा बलों के अधिकारों और नागरिकों के मानवाधिकारों में संतुलन बनाने के लिए संशोधन करेगी और जबरन लापता किए जाने, यौन हिंसा और यातना में मिली छूट को हटाएगी.
बीजेपी ने इस पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी खतरनाक वादे कर रही है और उसके मेनिफेस्टो में ऐसा एजेंडे हैं जो देश को तोड़ने का काम करते हैं.हालांकि 2014 में बीजेपी ने भी AFSPA की समीक्षा का ऐसे ही वादा किया था.पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के साथ हमारा गठबंधन हुआ था और दोनों पार्टियों के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बना था, उसमें AFSPA की समीक्षा करने की बात थी. इसका मतलब साफ है कि AFSPA को लेकर कांग्रेस जो वादा इस बार के लोकसभा चुनाव में कर रही है. बीजेपी उसे पहले ही कर चुकी है.
इसके बावजूद केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अरुण जेटली ने कहा कि राहुल गांधी के दोस्तों ने जो मेनिफेस्टो बनाया है वह जम्मू-कश्मीर और राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर सही नहीं है. इस मेनिफेस्टो में ऐसे एजेंडे हैं जो देश को तोड़ने का काम करते हैं. यह राष्ट्र की एकता के खिलाफ जाते हैं. जो कांग्रेस पार्टी और नेहरू गांधी परिवार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर जो निर्णय लिया था वह ऐतिहासिक भूल थी. उसके लिए देश उन्हें कभी माफ नहीं कर सकता है. उस एजेंडो को और खतरनाक तरीके से आगे बढ़ाने की तैयारी है.
अरुण जेटली ही नहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी AFSPA को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि मैं कांग्रेस प्रमुख से पूछना चाहता हूं. क्या वह सशस्त्र बलों को मजबूत करना चाहते हैं या क्या वह उनके मनोबल को गिराने की कोशिश कर रहे हैं? AFSPA पर वह क्या संदेश देना चाहते हैं?
बता दें कि AFSPA कानून के तहत सेना को कुछ विशेष अधिकार मिले हैं. जिसके तहत सेना किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है और हिंसा की स्थिति में फायरिंग भी कर सकती है.जिसकी समीक्षा करने के लिए कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया है कि वह सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (AFSPA) 1958 में सुरक्षा बलों के अधिकारों और नागरिकों के मानवाधिकारों में संतुलन बनाने के लिए संशोधन करेगी और जबरन लापता किए जाने, यौन हिंसा और यातना में मिली छूट को हटाएगी.
बीजेपी ने इस पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी खतरनाक वादे कर रही है और उसके मेनिफेस्टो में ऐसा एजेंडे हैं जो देश को तोड़ने का काम करते हैं.हालांकि 2014 में बीजेपी ने भी AFSPA की समीक्षा का ऐसे ही वादा किया था.पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के साथ हमारा गठबंधन हुआ था और दोनों पार्टियों के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बना था, उसमें AFSPA की समीक्षा करने की बात थी. इसका मतलब साफ है कि AFSPA को लेकर कांग्रेस जो वादा इस बार के लोकसभा चुनाव में कर रही है. बीजेपी उसे पहले ही कर चुकी है.
इसके बावजूद केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अरुण जेटली ने कहा कि राहुल गांधी के दोस्तों ने जो मेनिफेस्टो बनाया है वह जम्मू-कश्मीर और राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर सही नहीं है. इस मेनिफेस्टो में ऐसे एजेंडे हैं जो देश को तोड़ने का काम करते हैं. यह राष्ट्र की एकता के खिलाफ जाते हैं. जो कांग्रेस पार्टी और नेहरू गांधी परिवार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर जो निर्णय लिया था वह ऐतिहासिक भूल थी. उसके लिए देश उन्हें कभी माफ नहीं कर सकता है. उस एजेंडो को और खतरनाक तरीके से आगे बढ़ाने की तैयारी है.
अरुण जेटली ही नहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी AFSPA को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि मैं कांग्रेस प्रमुख से पूछना चाहता हूं. क्या वह सशस्त्र बलों को मजबूत करना चाहते हैं या क्या वह उनके मनोबल को गिराने की कोशिश कर रहे हैं? AFSPA पर वह क्या संदेश देना चाहते हैं?
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