आप पार्टी के विधायक गरीब होते हुए भी नहीं बिके,दिल्ली में 1 साल में भी सरकार नहीं बना पायी थी बीजेपी

कर्णाटक में सरकार बनाने को लेकर सियासी उठा पटक जारी है सभी पार्टियाँ शाम दाम दंड और भेद सभी नीतियां अपनाती नज़र आ रही है आपको बता दे कि कर्णाटक विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है कर्णाटक में कुल 224 सीटें है जिनकी 222 सीटों पर चुनाव लड़ा गया जिसमे बीजेपी को 104 ,कांग्रेस को 78 ,जेडीएस+ को 38 और अन्य को 2 सीटें मिली थी। जिसके बाद भाजपा के यदुरपप्पा ने मुख्यमंत्री की शपथ ले ली है जबकि अभी तक बहुमत का जादूई आंकड़ा छूना बाकी है.

आपको बता दे कि कर्णाटक में ऍमएलऐ की खरीद फरोख्त की खबरें गर्म है यँहा तक कि जेडीएस पार्टी के प्रमुख कुमारस्वामी ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने उनके ऍमएलऐ को खरीदने के लिए 100 करोड़ रुपए की पेशकश की है।

क्या इसी तरह पैसे के बलबूते भारत में सरकार बनती और बिगड़ती है ? आपको बता दे कि कुछ इसी तरह गोवा,मणिपुर ,मेघालय और बिहार में बीजेपी अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही थी, प्रदेश की क्षेत्रीय पार्टिओं से मिलकर भाजपा चारों राज्यों में सरकार बनाने में सफल रही।

अब सवाल उठता है कि ये जोड़ तोड़ हुआ कैसे ,सरकार बनाने के लिए कौन सी डील पार्टियों के बीच हुई। क्या धन बल का इस्तेमाल किया गया या कोई मंत्री पद का लालच।  सभी जगह बीजेपी बड़ी ही आसानी से अपनी हार को जीत में बदल दिया।

लेकिन देश का एक राज्य ऐसा भी रहा जँहा 1 साल तक एड़ी चोटी का ज़ोर लगाने के बावजूद भी भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह दिल्ली में अपनी सरकार नहीं बना पाए. दिल्ली ऐसा इकलौता राज्य रहा जँहा पर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी होते हुए भी सरकार नहीं बना पायी आपको बता दे कि दिल्ली 2013 में हुए चुनावों में बीजेपी को 31 सीटें,आप पार्टी को 28 जबकि कांग्रेस को 8 सीटें मिली थी। लेकिन सोचने वाली बात है कि ऐसा क्या रहा होगा दिल्ली में जो सबसे जायदा सीटें होने के बावजूद भी अमित शाह दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनाने में नाकाम रहे।

क्या आम आदमी पार्टी के विधायक ईमानदार थे जो गरीब होते हुए भी नहीं बिके जबकि किसी गरीब के लिए 100 करोड़ रुपए उसकी पूरी ज़िन्दगी के लिए काफी था। क्यों कोई उन्हें किसी पद के लालच में भी नहीं तोड़ पाया , ये बहुत बड़े सवाल है आखिर किस प्रकार दिल्ली में बीजेपी 1 साल राष्ट्रपति शासन थोपने के बाद भी सरकार नहीं बना पायी

क्या आम आदमी पार्टी के विधायकों की ईमादारी और देश के प्रति उनकी निष्ठां के कारण भाजपा सरकार बनाने में असफल रही , कुछ भी हो लेकिन आम आदमी पार्टी के विधायकों ने पुरे देश में मिशाल पेश कि की कैसे इस दल बदलू राजनीति से देश को बचाया जाये     

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