मोदी के 11 बड़े वादों की सबसे बड़ी पड़ताल-जानिए 4 साल में क्या हुआ मोदी के वादों का हाल

बीजेपी सरकार के 4 साल पूरे होने की खुशी में भाजपा द्वारा जमकर जश्न मनाया गया और खूब जोर शोर से उसका प्रचार भी किया गया ,मोदी सरकार के 4 साल पुरे होने पर सभी मीडिया चैनलों ने भी उनके वादों की पड़ताल की लेकिन ज्यादातर मीडिया चैनलों ने जनता को सच्चाई से दूर ही रखा ,आपको बता दे कि मोदी सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में हमने भी उनके 11 प्रमुख वादों को याद किया है जो मोदीजी ने देश की जनता से किये थे और उन सभी मुद्दों की पड़ताल की

चलिए आप को याद तो दिला दे कि चार साल पहले मोदीजी ने देश से वादे क्या क्या किये थे और आज उनकी क्या स्तिथि है
1. हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार दिया जाएगा
ना जी ना हँसिए मत, हालांकि पहली बार पढ़के हमे भी बहुत हँसी आयी थी लेकिन असलियत तो आपको बेरोजगारो की बढ़ती भीड़ ही बता देगी। लेकिन आँकड़े भी बताते हैं कि किस कदर मोदी सरकार युवाओं के लिए नौकरी पैदा करने में विफल रही। मोदी सरकार प्रति वर्ष औसतन 3.4 लाख रोजगार ही पैदा कर सकी जबकि जानकार बताते हैं कि अगले एक दशक में 34 करोड़ रोजगारों का इंतजाम करना होगा. इसका मतलब देश में हर साल अभी का लगभग आठ गुना (तीन करोड़ से ज्यादा) रोजगार पैदा करने होंगे
2. किसानों को उनकी उपज का समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुना दिया जाएगा
इस सरकार से सबसे अधिक निराश कोई है तो वह किसान ही है डेढ़ गुना तो छोड़िए ठीक से लागत भी नही निकाल पा रहा है किसान बेहाल नज़र आ रहा है और किसानों की आत्महत्या भी लगातार बढ़ रही है हर साल बीजेपी वाले बोलते है कि किसानों की आमदनी दुगुनी कर देंगे लेकिन इन चार सालों में कुछ नही हुआ तो अब उन्होने 2022 की धुन बजाना शुरू कर दी है
3. विदेशों में जमा कालेधन की सौ दिनों के भीतर वापसी
इस वादे को देखकर तो वाकई हंसी आती है काला धन विदेश से लाना तो बहुत दूर की बात है, देश मे भी किसी कालेधन वाले को इन्होंने पकड़ा नही है और महेश शाह जैसे केस भी दबा दिए, जब नोटबन्दी की गयीं तब भी यही शगूफा उछाला गया था चूहे मारने के लिए खड़ी फसल में आग लगा मोदी जी ने.आज तक मोदी सरकार ने कभी नहीं बताया कि उसके प्रयासों से देश में कितना कालाधन वापस लौट चुका है काला धन आने कि तो भूल जाईये, विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे लोग भारत के सफ़ेद धन को और विदेशों में ले गए
4. भ्रष्टाचार के आरोपी सांसदों-विधायकों के मुकदमों का विशेष अदालतों के जरिए एक साल में निबटारा
इस पर भी खूब बड़ी बड़ी बातें की गयी थी बोला था किसी को नही बक्शा जाएगा लेकिन कुछ हुआ क्या ? कार्यवाही तो छोड़िए, हर विधानसभा चुनाव में जमकर अपराधियों को टिकट बांटे गए है कल पता चला कि कर्नाटक चुनाव में भाजपा ने 36 प्रतिशत टिकट उन लोगो को दिए जिन पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज है
5. गंगा तथा अन्य नदियों की सफाई होगी
नमामि गंगे को लेकर खूब माहौल बनाया गया गंगा को टेम्स नदी बना दिया जाएगा, लेकिन चार साल ख़त्म होते होते पता चला कि जितना बजट आवंटित था उसका 10 प्रतिशत भी खर्च नही किया गया, उमा भारती ने भी मंत्रालय बदल दिया और जनता एक लाइव जल समाधि देखने से महरूम रह गयी?
6. जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 का खात्मा
इस बारे में क्या लिखा जाए कुछ समझ ही नही आता देश के 22 राज्यों में bjp की सरकार है कौन उन्हें 370 खत्म करने से रोक रहा है यह समझ के बाहर है आज भी वो कश्मीर नीति पर नेहरू के नाम जपते नज़र आते है
7. समान नागरिक संहिता को लागू करेंगे
जी हाँ , अब आपको याद आया कि कॉमन सिविल कोड की बात की गयी थी न कि तीन तलाक को खत्म करने की, तीन तलाक में उलझकर आप भूल ही गए कि समान नागरिक संहिता के बारे में तो कुछ किया ही नही गया,ये वादा भी शगूफा ही निकला
8. कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी
कश्मीरी पंडित तो घाटी में वापस नही आ पाए लेकिन सुना है कि रोहिंग्या शरणार्थियों को जम्मू में बसाया जा रहा है दिन ब दिन जम्मू कश्मीर में आतंकवादी घटनाएँ देखने को मिल रही है।
9. सेना की कार्य स्थितियों में सुधार लाया जाएगा
शायद आपको याद न हो लेकिन कुछ दिनों पहले ही इंडिया टूडे ने अपने कवर पेज पर एक तस्वीर छापी है जिसमे भारतीय सेना के अधिकारी को अपने दोनों खाली जेबे पैंट से बाहर निकाले दर्शाया गया है , हालत कितनी खराब है आगे लिखने की जरूरत ही नहीं है
10. देश में सौ शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में तैयार किया जाएगा
दो दिन पहले ही क्योटो में निर्माणाधीन ब्रिज गिरा हैं, 25 लोगो की मौत हुई है आपको बता दे कि इससे पहले आप इस क्योटो नगरी को बनारस के नाम से जानते थे, बाकी के 99 शहर भी तैयार होने वाले हैं पर अधिकारी पैसा लेने के लिए आगे आ ही नहीं रहे है, शहर स्मार्ट हों न हो अधिकारी और नेता जरूर स्मार्ट हो गए हैं
11. गोकशी और मांस निर्यात पर प्रतिबंध
बीफ वाला मुद्दा 4 सालो में खूब चर्चा में रहा हैं आखिर इस मसले से ध्रुवीकरण में अच्छी खासी मदद मिलती है लेकिन आपको जानकर यह सुखद आश्चर्य होगा कि बीफ निर्यात में मोदी राज के पहले साल यानी 2015 में ही भारत को विश्व मे प्रथम स्थान प्राप्त हो चुका है

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