5 साल, ढेरों वादे, सुनहरे सपने -लेकिन जनता को मिला क्या ? दंगे ,पकौड़े और महँगाई ?

2014. के चुनाव में मोदी जी के सामने दो लक्ष्य थे ।पहला यह कि कांग्रेस को इतना बदनाम करो कि जनता उसकी सारी अच्छाइयों को भूल कर बस इतना याद रखे कि वह भ्रष्ट है और उसने देश को लूट लिया ।ताकि यदि बाद मे उनको नापसन्द भी करे तो वापस लौट कर कांग्रेस को सत्ता न थमा दे ।

दूसरा लक्ष्य था कि जनता को इतने सुनहरे सपने दिखाओ कि वह आँख बन्द करके तुमको सत्ता सौंप दे । 2014 में बीजेपी ने सत्ता हाँसिल करने के लिए लोगो को खूब सपने दिखाए उन्होंने जनता से बहुत सारे लोक लुभावन वादे किये ताकि उनका सत्ता तक पहुँचने का सफर आसान हो जाये ,सत्ता में आने से पहले लोगो को अच्छे दिन,बेहतर रोजगार ,15-15 लाख रुपए ,महिला सुरक्षा ,शिक्षित देश,महंगाई कम करने , आतंक रोकने और देश में कानून व्यवस्था बनाये रखने जैसे न जाने कितने ही ऐसे सपने दिखाए जिससे जनता ने 2014 में इन्हे भरपूर वोट दिया।

और जनता ने मोदी और बीजेपी की बातों पर विश्वास कर लिया जिससे  2014 में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी ! अब वह बात पुरानी हो गयी ।।मोदी ने जिन मुद्दों पर चुनाव लड़ा उनका कहीं ज़िक्र ही नहीं है ।
हो वह रहा है जिसके लिये जनता ने वोट दिया ही नहीं था । अब जनता असंतुष्ट होती जा रही है ।तो आये दिन किसी न किसी नाटक नौटंकी और या विवाद में उसे उलझा कर रखा जा रहा है ।

अब सबसे बड़ा मुद्दा है - हिन्दू मुसलमान ।कब्रगाह और शमशान ने यू पी जिता दिया । पद्मावती मामले ने गुजरात जीता  दिया ।फ़िल्म रिलीज़ होते ही कासगंज का मसला बैठे बैठाये खड़ा हो गया ।अब देश इस बहस में उलझा रहेगा ।अभी ऐसे आठ दस मसले और भी लाइन में लगे होंगे ।तब तक 2019 का चुनाव आ ही जायेगा और अगले पाँच साल की मौज !

लेकिन जैसे ही सरकार सत्ता में आयी लोगो में अविश्वाश बढ़ता गया , मोदी जी ने जो वादे किये उनके विपरीत काम होने लगा उन्होंने चुनावी वादों को जुमले करार दे दिया , सरकार सिर्फ हिन्दू -मुसलमान ,गाय-गोबर पर सिमट कर रह गयी !

लेकिन देखे सत्ता में आने के बाद आपको क्या मिला 
1. रोजगार के नाम पर पकोड़ा 
मोदी जी लगातार विदेशी दौरे करने लगे ,कई विपक्षी पार्टियों ने विदेशी दौरों का जमकर विरोध किया और सरकारी खर्चे का गलत इस्तेमाल बताया लेकिन सरकार और कुछ नई प्रजाति के पैदा हुए लोग जिन्हे बाद में भक्त की संज्ञा दी उन्होंने बचाव में कहा कि अभी तो शुरुआत है मोदी जी को थोड़ा टाइम दो देखना 2 से तीन साल बाद देश में नौकरियां ही नौकरियां होंगी ,वो विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए विदेशी दौरों पर जाते है न कि  सपाटे
लेकिन आज मोदी सरकार को 4 साल बीत गए स्थिति बद से बदतर हो गयी ,रोजगार मिलना तो छोडो प्रधानमंत्री जी ने एक पकोड़ा बेचने वाले को ही सरकार द्वारा दिया जाने वाला रोजगार बता दिया !
इस नौजवान और शिक्षित देश के लिए इससे भी शर्मनाक कोई बात हो सकती है जब कोई पंत प्रधान अपने नौजवानो को रोजगार के नाम पर पकोड़ो का ठेला थमा दे !

2. अच्छे दिन के नाम पर ओछे दिन 
सत्ता में आने के लिए बीजेपी ने अचे दिनों का वादा किया था लेकिन सच मनो तो आज भी जनता अपने पुराने दिनों के लिए ही तरस रही है बढ़ती महंगाई,बेरोजगारी ,अपराध और दंगो को देखकर जनता पुराने दिन ही वापस लेन को कह रही है नहीं चाहिए ऐसे अच्छे दिन जिसमे बेरोजगारी और अपराध हो !

3. महँगाई कम करने 
 महँगाई कम करने की बात तो दूर महंगाई पर लगाम लगाने तक में केंद्र सरकार नाकाम दिखी। आज पैट्रॉल डीजल ,रसोई गैस और रोजाना प्रयोग होने वाले खाद्य पदार्थ पर महंगाई गरीबो के लिए जानलेवा स्तर पर पहुँच गयी है

4. आतंक कम करने का वादा 
आतंक कम करने के नाम पर सरकार ने सबसे पहले आतंक स हाथ मिला लिया ,जम्मू कश्मीर में सत्ता में आने के लिए उन्होंने पीडीपी सरकार से हाथ मिला लिया! और उसके बाद के कश्मीर के हालत आप सबके सामने है ही !
और बाकि देश में मुसलमानो का डर दिखाके फिर से सत्ता हथियाने का खेल चालू है

5. 15-15- लाख का वादा -
15-15- लाख का वादा भी जुमला साबित हुआ लोग आज 15-15- लाख के नाम पर सरकार की हँसी उड़ाते नज़र आते है।

6. भरस्टाचार ख़त्म करने का वादा 
जिस कांग्रेस सरकार को भ्रस्ट करार देकर बीजेपी ने देश की सत्ता हाँसिल की आज स्तिथि ज्यो की त्यों बनी हुयी है एक कमजोर सा लोकपाल बिल लोगो को थमा दिया गया बाकि  भरस्टाचार आज भी अपने चरम पर है
कोई भी कांग्रेसी जिस पर  भाजपा ने भरस्टाचार के आरोप लगाए थे जेल में न जा सका और पहले की सरकारों की भांति अपने भरस्टाचार को बचाया गया जिससे भरस्टाचार के नाम पर तो ये सरकार भी विफल नज़र आयी
और भी बहुत से वादे आम जनता के लिए किये गए थे जिनमे से एक भी आज तक धरातल पर नज़र नहीं आता जैसे स्मार्ट सिटी का वादा हो या आदर्श ग्राम  ,स्वछता अभियान  हो या काला धन वापस लाने का वादा

7. कानून व्यवस्था दुरुस्त करने का वादा 
कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के नाम पर आज आये दिन हिन्दू मुसलमान के दंगे कराये जा रहे है ,आज विकाश की बात न करके सिर्फ साम्प्रदायिक माहौल बनाया जा रहा है ,दलितों पर बढ़ता अत्याचार और महिलाओ से बढ़ते बलात्कार आज आम बात हो गयी है
कानून व्यवस्था को लेकर भी मोदी जी द्वारा किया गया वादा भी एक जुमला निकला !

आज चार साल बाद जनता अपने आप को ठगा महसूस कर रही है !

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