राम जेठमलानी ने मोदी और शाह को लेकर किया ऐसा खुलासा कि पूरा देश चौंक जायेगा!!
सोहराबुद्दीन हत्याकांड मामलें में अमित शाह की पैरवी करने के मामले में जेठमलानी ने खुलासा करते हुए कहा कि, जब अमित शाह एनकाउंटर मामले में फसे तो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे नज़दीकियां बढ़ाना शुरु कर दिया था।
इससे पहले भी बीजेपी की माया कोडनानी ने अमित शाह पर निशाना साधा हैं। वकालत से संन्यास लेने के कुछ दिन पहले राम जेठमलानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने खुले पत्र में ये बात सार्वजनिक की है। बीते 23 अगस्त को जारी किए गए इस नौ पन्नों के पत्र में देश के ऐसे वकील जो किसी पहचान के मोहताज नहीं है
काले धन के खिलाफ प्रधानमंत्री की कथित लड़ाई को बेनक़ाब किया है और 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मोदी की हार पर मोहर लगाना ठान लिया है।
गौरतलब है कि, जेठमलानी ने 2004 में ही भाजपा को अलविदा कह दिया था। 2009 में उन्होंने काले धन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला उठाया था। उनका कहना है कि उस समय मोदी और अमित शाह ने कालाधन के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए उनकी सराहना की और उन्हें बीजेपी में फिर से शामिल करने की बात उठाई। वह सब इसलिए किया गया, ताकि आगे अमित शाह को हत्या के गंभीर मामले से बचाने के लिए जेठमलानी की कानूनी सेवाओं का इस्तेमाल किया जा सके।
जेठमलानी का यह भी कहना है कि निकल जाने के बाद मोदी और शाह की जोड़ी ने उन्हें फिर से बीजेपी से निकाल बाहर कर दिया। ऐसा पहली बार नहीं है जब जेठमलानी ने किसी बड़े पद बैठे शख्स पर गंभीर इल्जाम लगाया है इससे पहले भी वो पूर्व प्रधानमंत्री रहे पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव पर करोड़ो का घोटाले का आरोप लगा चुके है।
इससे पहले भी बीजेपी की माया कोडनानी ने अमित शाह पर निशाना साधा हैं। वकालत से संन्यास लेने के कुछ दिन पहले राम जेठमलानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने खुले पत्र में ये बात सार्वजनिक की है। बीते 23 अगस्त को जारी किए गए इस नौ पन्नों के पत्र में देश के ऐसे वकील जो किसी पहचान के मोहताज नहीं है
काले धन के खिलाफ प्रधानमंत्री की कथित लड़ाई को बेनक़ाब किया है और 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मोदी की हार पर मोहर लगाना ठान लिया है।
गौरतलब है कि, जेठमलानी ने 2004 में ही भाजपा को अलविदा कह दिया था। 2009 में उन्होंने काले धन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला उठाया था। उनका कहना है कि उस समय मोदी और अमित शाह ने कालाधन के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए उनकी सराहना की और उन्हें बीजेपी में फिर से शामिल करने की बात उठाई। वह सब इसलिए किया गया, ताकि आगे अमित शाह को हत्या के गंभीर मामले से बचाने के लिए जेठमलानी की कानूनी सेवाओं का इस्तेमाल किया जा सके।
जेठमलानी का यह भी कहना है कि निकल जाने के बाद मोदी और शाह की जोड़ी ने उन्हें फिर से बीजेपी से निकाल बाहर कर दिया। ऐसा पहली बार नहीं है जब जेठमलानी ने किसी बड़े पद बैठे शख्स पर गंभीर इल्जाम लगाया है इससे पहले भी वो पूर्व प्रधानमंत्री रहे पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव पर करोड़ो का घोटाले का आरोप लगा चुके है।
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