नोटबंदी के आठ माह बाद तक भी आरबीआई कर रहा है पुराने नोटों की गिनती-आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने संसदीय कमेटी में कहा

नोटबंदी के आठ महीने बाद भी आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल नहीं बता पाए की नोटबंदी के बाद कितना पैसा वापस आया।
उन्होंने संसदीय समिति की बैठक में बताया कि आरबीआई अभी भी पैसे की गिनती कर रहा है।

यह बहुत आश्चर्यजनक बात थी। यह भारतीय बैंकिंग प्रणाली की बहुत खराब बात है जो कि अभी तक नोटबंदी के दौरान जमा पैसे का मोटा-मोटा अनुमान भी नहीं लगा सका।
जबकि सभी एक्सचेंजों को 25 दिसंबर, 2016 को रोक दिया गया था.
और नोटों की गिनती  के लिए बैंकों को 6 महीने से अधिक का समय दिया गया था।



आप खुद सोचिये क्या ऐसा संभव है कि आरबीआई को नहीं पता कि नोटबंदी के दौरान कितना पैसा हुआ और कितना नहीं ,
क्या बैंको ने लोगो से पैसे गिनकर नहीं लिए या आरबीआई को बैंको ने पैसे गिनकर नहीं दिए ?

असल में आरबीआई गवर्नर झूठ बोल रहे है।
हां, आपने सही पढ़ा ,

आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल झूठ बोल रहे हैं। वह जानते है कि कितना पैसा वापस आया है , लेकिन वो सच बताने में असमर्थ है

लेकिन असल में हुआ क्या ?


मेरा मानना है कि नोटबंदी से पहले नोटों की कमी को पूरा नहीं किया गया था क्योकि नोटबंदी से 84% नोट तत्काल प्रभाव से अमान्य हो गए थे जिससे लोगो को बहुत परेशानी उठानी पड़ी
इसके विपरीत, मेरा मानना ​​है कि 15.5 लाख करोड़ रुपये की उम्मीद से ज्यादा पैसा सिस्टम में वापस आ गया है। इसका सीधा अर्थ यह है काला धन धारकों और नकली बनाने वालों ने अपना सारा पैसा बैंकिंग सिस्टम में ला दिया और बैंकिंग सिस्टम को धोखा दिया ,और काले पैसे सफ़ेद कर दिया


1. नोटबंदी के दौरान काले धन को सफ़ेद में बदल दिया गया, क्योकि सरकार ने 2.5 लाख /प्रति खाते की सीमा रखी थी जिसके अंतर्गत प्रत्येक खाताधारक बिना-सवाल-पूछे 2.5 लाख /प्रति खाते जमा करा सकता था ,
इसका फायदा उठाकर काले धन वाले लोगों ने दूसरे आम लोगो से सांठ गांठ करके अपना काला धन उनके खातों में जमा करा दिया और यह सारा काला धन फिर से सफ़ेद होकर एक बार फिर से काली अर्थवयवस्था में आ जायेगा और एक बार फिर आम टैक्स पेयर खली हाथ रहा जायेगा

2. नकली नोटों को छोटी -छोटी खेपों में सफलतापूर्वक असली में बदल दिया गया। अगर वापस हुआ धन आरबीआई के द्वारा सर्कुलेटेड नोटों से ज्यादा है तो इसका सीधा मतलब है कि नकली नोटों को बैंको में जमा कर असली में बदल दिया गया ,इसका मतलब नोटबंदी ने अज्ञात रूप से मुद्रा का अवमूल्यन(devalued) किया है लेकिन कितना? यह कोई भी अनुमान लगा सकता है आरबीआई सब जानता है लेकिन बता नहीं रहा है

3. जैसा सरकार ने 2.5 लाख करोड़ रुपए काला धन वापस आने के बारे में सोचा था ऐसा कुछ नहीं हुआ और भारतीय रिज़र्व बैंक से कोई ऐसा बोनस नहीं मिला जिसकी नोटबंदी से आशा थी , बल्कि नोटबंदी से सरकार और ज्यादा कर्जे में डूब गयी 

4. एक ऐसा कदम जिसने  व्यापक रूप से लोगो को दुःख पहुँचाया उसे 'मास्टरस्ट्रोक' कहा गया 


अब सब कुछ उल्टा हो गया है। मोदी अब चालाक नहीं दिखते वह एक मूर्ख की तरह लग रहे है बदमाशों ने उन्हें इस्तेमाल कर लिया।


वाया -हिंदी ट्रांसलेशन ऑफ़ गणेश परशाद 

Comments

Search Here

Popular Posts

IPL 2017: Full schedule With Date, Time & Venue

खुलासाः हर बार गैंगरेप से पहले ड्रग्स देते थे बीजेपी वर्कर

हरियाणाः पलवल की रिहायशी कॉलोनी में घुसा तेंदुआ, लोगों में मची अफरातफरी

54 साल बाद चीनी सैनिक वांग छी लौटेंगे वतन, आज सुबह दिल्ली से रवाना

2 साल बेमिसाल -केजरीवाल ने जनता को ओपन लेटर लिखकर पेश किया दो साल का रिपोर्ट कार्ड