54 साल बाद चीनी सैनिक वांग छी लौटेंगे वतन, आज सुबह दिल्ली से रवाना
54 साल से
भारत में फंसे पूर्व चीनी सैनिक वांग छी को आज अपने वतन की मिट्टी में कदम रखना नसीब होगा.
आज होगा वतन का दीदार
77 साल के वांग छी ने आज तड़के करीब 3 बजे चीन के लिए उड़ान भरी. इससे पहले दिल्ली में चीनी दूतावास में उन्हें सम्मानित किया गया. वो पिछले चार दशकों से ज्यादा वक्त से मध्य प्रदेश के तिरोड़ी गांव में रह रहे थे.
77 साल के वांग छी ने आज तड़के करीब 3 बजे चीन के लिए उड़ान भरी. इससे पहले दिल्ली में चीनी दूतावास में उन्हें सम्मानित किया गया. वो पिछले चार दशकों से ज्यादा वक्त से मध्य प्रदेश के तिरोड़ी गांव में रह रहे थे.
परिवार भी जाएगा चीन
हाल ही में मीडिया में उनकी खबर छपने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय और चीनी सरकार ने उनके मामले पर गौर किया. अब भारत सरकार भारत में मौजूद वांग के परिवार के दूसरे सदस्यों को भी जल्द चीन भेजने की तैयारी कर रही है.
हाल ही में मीडिया में उनकी खबर छपने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय और चीनी सरकार ने उनके मामले पर गौर किया. अब भारत सरकार भारत में मौजूद वांग के परिवार के दूसरे सदस्यों को भी जल्द चीन भेजने की तैयारी कर रही है.
नहीं भूली अपनी मिट्टी की याद
वांग छी का दावा है कि वो 1963 में गलती से भारत की सीमा के भीतर घुसे थे. हालांकि भारत में अधिकारी उन्हें चीनी सेना का जासूस मानते आए हैं. भारत में घुसने के बाद वो पकड़े गए और 6-7 साल की सजा काटने के बाद उन्हें तिरोड़ी गांव में छोड़ दिया गया. यहां उन्होंने आटे की चक्की में काम करना शुरू किया. 1975 में वांग ने भारतीय महिला से शादी की. 80 के दशक में पहली बार वो पत्रों के जरिये चीन में अपने परिवार के संपर्क में आए. 2002 में उन्होंने अपनी मां से फोन पर बात की थी.
वांग छी का दावा है कि वो 1963 में गलती से भारत की सीमा के भीतर घुसे थे. हालांकि भारत में अधिकारी उन्हें चीनी सेना का जासूस मानते आए हैं. भारत में घुसने के बाद वो पकड़े गए और 6-7 साल की सजा काटने के बाद उन्हें तिरोड़ी गांव में छोड़ दिया गया. यहां उन्होंने आटे की चक्की में काम करना शुरू किया. 1975 में वांग ने भारतीय महिला से शादी की. 80 के दशक में पहली बार वो पत्रों के जरिये चीन में अपने परिवार के संपर्क में आए. 2002 में उन्होंने अपनी मां से फोन पर बात की थी.
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