मध्य प्रदेश सरकार ने प्याज को डिस्पोज़ करने में खर्च किये 6.7 करोड़ रुपये

मध्‍य प्रदेश के गोदामों में जुलाई के बाद से सात लाख क्विंटल से ज्‍यादा प्‍याज बेकार हो गई. अधिकारियों ने यह बात कही.

मई में प्‍याज के दाम 50 पैसा प्रति किलो तक गिरने के बाद, राज्‍य सरकार ने किसानों से 10 लाख क्विंटल से अधिक प्‍याज छह रुपये प्रति किलो की दर से खरीदी.

अधिकारियों ने कहा कि 'लेकिन अर्प्‍याप्‍त भंडारण सुविधाएं और अगस्त तक खरीदार खोजने में असमर्थ होने की वजह से तीन लाख क्विंटल प्‍याज सड़ गई'.

यह तब है जब सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली या पीडीएस के तहत उचित दर दुकानों पर एक रुपये प्रति किलो में प्‍याज बेचने का फैसला किया था, लेकिन वह अधिकांश प्‍याज बेचने में नाकाम रही.

मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ के महाप्रबंधक (खरीद) योगेश जोशी ने कहा कि 'हमने 10.4 लाख क्विंटल प्याज खरीदी. 1.46 लाख क्विंटल प्याज पीडीएस दुकानों पर बेची गई. 7.52 लाख क्विंटल प्याज खराब हो गई. हमें सड़ी प्‍याज के निपटान के लिए अतिरिक्‍त 90 रुपये प्रति क्विंटल खर्च करना पड़ा है'.

निपटान के लिए 6.76 करोड़ रुपये कुल लागत तक आई है.

लेकिन कुछ उचित मूल्य की दुकान के मालिकों का आरोप है कि राज्य सरकार की सहकारी विपणन संघ प्याज बेचने के बारे में कभी नहीं गंभीर थी, जिससे गरीब परिवारों को लाभान्वित किया जा सकता था.

भोपाल में एक उचित मूल्‍य की दुकान के मालिक दिनेश मौर्य ने कहा कि 'कोई प्‍याज या सूचना अभी तक मेरी दुकान तक नहीं पहुंची. भोपाल में किसी भी उचित मूल्य की दुकान को प्याज बेचने के लिए नहीं मिली या सरकार की तरफ से इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई.

एक बीपीएल कार्ड धारक बतन लाल ने कहा, 'मुझे एक रुपये की दर से प्‍याज नहीं मिली, जैसा की राज्‍य सरकार ने घोषणा की थी. अगर हमें प्‍याज दी जाती, तो हमें फायदा होता'.



By ndtv

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