प्रज्ञा ठाकुर ने किया शहीद हेमंत करकरे का अपमान जिनकी बहादुरी से ही जिंदा पकड़ा गया था आतंकी कसाब
मध्य प्रदेश के भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मुंबई आतंकी हमले में शहीद हेमंत करकरे पर विवादित बयान दिया है. साध्वी ने 26/11 हमले में शहीद एटीएस चीफ हेमंत करकरे के बारे में कहा है कि 'उन्हें उनके कर्मों की सजा मिली है. उन्होंने मुझे गलत तरीके से फंसाया था. हेमंत करकरे मुझे किसी भी तरह से आतंकवादी घोषित करना चाहते थे. आपका बता दें कि हेमंत करकरे मुंबई हमले के दौरान आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे. उन्होंने उस हमले में आंतकी आमिर अजमल कसाब को जिंदा पकड़वाने में भी अहम भूमिका निभाई थी.
प्रज्ञा सिंह ठाकुर के इस बयान से बीजेपी के लिए आगे परेशानियाँ बढ़नी लाज़मी है अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर बीजेपी की देशभक्ति पर उठाये सवाल
जाने कौन थे हेमंत करकरे
हेमंत करकरे 1982 में IPS अधिकारी बने. 2008 में उन्हें महाराष्ट्र के एंटी टेररिस्ट स्क्वाड यानी एटीएस का चीफ बनाया गया था. वह इससे पहले मुंबई पुलिस के कमिश्नर (एडमिनिस्ट्रेशन) भी रहे. नॉरकोटिक्स विभाग में तैनाती के दौरान उन्होंने पहली बार विदेशी ड्रग्स माफिया को गिरगांव चौपाटी के पास मार गिराया था. यहां से उन्हें ख्याति मिली थी. हेमंत ने भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के साथ भी काम किया था. वह ऑस्ट्रिया में रॉ अधिकारी के रूप में 7 साल तक तैनात थे.8 सितंबर, 2006 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए सीरियल ब्लास्ट की जांच हेमंत करकरे को सौंपी गई थी.
26 नवंबर, 2008 में मुंबई में आतंकी हमला हुआ. हेमंत करकरे उस समय अपने घर पर थे. हमले के बाद वह तुरंत अपने दस्ते के साथ मौके पर पहुंचे थे. तभी उनको सूचना मिली कि कॉर्पोरेशन बैंक के एटीएम के पास आतंकी एक लाल रंग की कार के पीछे छिपे हुए हैं. वह तुरंत वहां पहुंचे तो आतंकियों की ओर से फायरिंग होने लगी.इस गोलीबारी का हेमंत करकरे और उनके साथ मौजूद टीम ने जवाब दिया. उनकी ओर से चली एक गोली सीधे आतंकी आमिर अजमल कसाब के कंधे पर लगी. इसके वह गिर पड़ा. उसकी एके-47 भी गिर गई. बाद में उसे पकड़ लिया गया था.
आपको बता दे कि इसी गोलीबारी में आतंकियों की गोली लगने से हेमंत करकरे शहीद हो गए थे. उनके अलावा सेना के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, मुंबई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त अशोक काम्टे और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय सालस्कर भी इस हमले में शहीद हुए थे. शहीद हेमंत करकरे को 26 नवंबर, 2009 भारत सरकार की ओर से मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था.
प्रज्ञा सिंह ठाकुर के इस बयान से बीजेपी के लिए आगे परेशानियाँ बढ़नी लाज़मी है अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर बीजेपी की देशभक्ति पर उठाये सवाल
Disgraceful comments by BJP's Bhopal Lok Sabha candidate Pragya Thakur on 26/11 martyr Hemant Karkare ji need to be condemned in strongest terms. BJP is showing its true colours & it must be shown it's place now https://t.co/3Qdo1x7kPI— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 19, 2019
मुंबई आतंकी हमले में भारत माता की रक्षा के लिए जान देने वाले शहीद हेमंत करकरे की शहादत पर सवाल उठा रही है बीजेपी...— Manish Sisodia (@msisodia) April 19, 2019
किसी भक्त और गोदी मीडिया के पत्रकार को इस पर ज़रा भी ग़ुस्सा नहीं आएगा...
यही है बीजेपी की देशभक्ति... https://t.co/PxwKXrVPXi
जाने कौन थे हेमंत करकरे
हेमंत करकरे 1982 में IPS अधिकारी बने. 2008 में उन्हें महाराष्ट्र के एंटी टेररिस्ट स्क्वाड यानी एटीएस का चीफ बनाया गया था. वह इससे पहले मुंबई पुलिस के कमिश्नर (एडमिनिस्ट्रेशन) भी रहे. नॉरकोटिक्स विभाग में तैनाती के दौरान उन्होंने पहली बार विदेशी ड्रग्स माफिया को गिरगांव चौपाटी के पास मार गिराया था. यहां से उन्हें ख्याति मिली थी. हेमंत ने भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के साथ भी काम किया था. वह ऑस्ट्रिया में रॉ अधिकारी के रूप में 7 साल तक तैनात थे.8 सितंबर, 2006 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए सीरियल ब्लास्ट की जांच हेमंत करकरे को सौंपी गई थी.
26 नवंबर, 2008 में मुंबई में आतंकी हमला हुआ. हेमंत करकरे उस समय अपने घर पर थे. हमले के बाद वह तुरंत अपने दस्ते के साथ मौके पर पहुंचे थे. तभी उनको सूचना मिली कि कॉर्पोरेशन बैंक के एटीएम के पास आतंकी एक लाल रंग की कार के पीछे छिपे हुए हैं. वह तुरंत वहां पहुंचे तो आतंकियों की ओर से फायरिंग होने लगी.इस गोलीबारी का हेमंत करकरे और उनके साथ मौजूद टीम ने जवाब दिया. उनकी ओर से चली एक गोली सीधे आतंकी आमिर अजमल कसाब के कंधे पर लगी. इसके वह गिर पड़ा. उसकी एके-47 भी गिर गई. बाद में उसे पकड़ लिया गया था.
आपको बता दे कि इसी गोलीबारी में आतंकियों की गोली लगने से हेमंत करकरे शहीद हो गए थे. उनके अलावा सेना के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, मुंबई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त अशोक काम्टे और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय सालस्कर भी इस हमले में शहीद हुए थे. शहीद हेमंत करकरे को 26 नवंबर, 2009 भारत सरकार की ओर से मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था.
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